सख्त कानून नहीं… चायना डोर का उपयोग जारी…

By AV NEWS

एक साल पहले जान गंवा चुकी बालिका को नहीं मिला न्याय…

पुलिस को पता नहीं आरोपी कौन,क्लोजर रिपोर्ट लगाएंगे

उज्जैन। चायना डोर को लेकर सख्त कानून नहीं है। प्रतिबंध तो लगा है,लेकिन पतंगबाजी में घातक डोर का उपयोग हो रहा है। इन सब के बीच एक साल पहले चायना डोर के हादसे में जान गंवा चुकी बालिका को न्याय नहीं मिला है। पुलिस भी आरोपी का पता नहीं लगा सकी। मामले में पुलिस क्लोजर रिपोर्ट लगाने की तैयारी कर रही है।

काकुल खेड़ी गांव की नेहा आंजना (20) की चायना डोर की चपेट में आने से मौत हो गई थी। चायना डोर ने इस बेटी की जिंदगी की डोर काट दी। पतंग कौन उड़ा रहा था? पता नहीं चला। चायना डोर से होने वाले इस तरह के हादसे गैर इरादतन हत्याएं हैं, जिनमें अपराधी पकड़ में नहीं आते।

नेहा उज्जैन में बुआ के यहां रहकर पढ़ाई कर रही थी। वह ज्ञान सागर स्कूल की होनहार स्टूडेंट थी। नेहा अपनी बुआ की बेटी निकिता के साथ स्कूटी से जा रही थी। स्कूटी नेहा चला रही थी। उज्जैन शहर के जीरो पॉइंट ब्रिज पर उसके गले में चायना डोर उलझ गया। खुद को बचा पाती, इतने में पतंगबाज ने तेजी से डोर खींच दी। डोर से गला कटने पर खून का फव्वारा फूट पड़ा। घटनास्थल पर काफी खून बह गया। लोग तमाशबीन बने रहे। बाद में वहां से निकल रहे एडवोकेट रवींद्र सिंह सेंगर ने छात्रा की मदद की। सेंगर ने घायल छात्रा को कार में बैठाया और पाटीदार अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। सांस की नली के कटने और अधिक खून बहने से उसे बचाया नहीं जा सका था।

नेहा का हत्यारा अब तक आजाद

नेहा की मौत के बाद उज्जैन के देवास गेट थाने में धारा 304 ए में केस दर्ज हुआ। पुलिस ने जांच की बात कही थी। लेकिन, पुलिस हत्या के आरोपी तक नहीं पहुंच पाई। ये पता ही नहीं चल पाया कि जिस पतंग की डोर से नेहा का गला कटा, उसे कौन उड़ा रहा था। पुलिस के अनुसार अभी मामले में जांच चल रही है। नेहा की मौत के तुरंत बाद ही माधव नगर थाना और देवास गेट थाने की टीम ने हीरा मिल की चाल, फ्रीगंज और जाल कंपाउंड तक सर्चिंग कर लोगों से पूछताछ की थी, लेकिन कुछ पता नहीं चला। ऐसे में मामलों में आरोपी को पकड़ा जाना मुश्किल है। ऐसे में जल्द ही मामले में क्लोजर रिपोर्ट लगाएंगे।

कानून की भी मुश्किल:

कानून के जानकारों के अनुसार इस मामले में आरोपी को पुलिस पकड़ भी लेती है, तो गवाह मिलना मुश्किल होंगे। ऐसे में वे आसानी से छूट जाएंगे। पुलिस एक साल तक कुछ नहीं कर पाई, लेकिन पीडि़त पक्ष चाहता तो उस दौरान घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज या कुछ लोगों से बात कर गवाह तैयार कर सकता है। चायना डोर से कटने या मौत के मामलों में काफी हद तक आरोपी पकड़ पाना बहुत मुश्किल है। क्योंकि यह तय नहीं किया जा सकता कि जिस डोर युवती की मौत हुई या किसी का अंग कटा, उसका कौन उपयोग कर रहा था।

हाल ही में चायना मांझे से हुए हादसे…

  • मुंडली निवासी बद्री लाल तराना से उज्जैन आ रहे थे। इसी बीच पाटपाला के पास चायना डोर उनके गले में आकर उलझ गई। उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया। खून को रोकने के लिए डॉक्टर ने 8 टांके लगाए।
  • नालछा निवासी 3 वर्षीय नीलम पिता सुनील बडग़ुर्जर अपने माता-पिता के साथ बाइक से अपने मामा के घर जा रही थी। नालछा बस स्टैंड के पास पुलिया पर चलती बाइक पर डोर उलझने से उसकी गर्दन कट गई। प्राथमिक उपचार देकर 7 टांके लगाए।
  • 13 जनवरी की दोपहर भाजपा नेता विष्णु पोरवाल ऋषि नगर स्थित निवास से जयसिंह पुरा पोरवाल धर्मशाला जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में चायना मांझे से नाक, होंठ कट गए।
  • 9 जनवरी की शाम। राजेंद्र नगर निवासी बने सिंह घर के बाहर चौराहे पर पहुंचे, तभी उनके पैर में चायना डोर उलझ गई। वे डोर निकाल पाते, इतने में पतंगबाज ने डोर खींच दी। उनके पैर की नस कट गई।
  • 8 जनवरी को वीआईपी ड्यूटी में तैनात होमगार्ड सैनिक सुजीत ठाकुर का चायना मांझे से गला कट गया। सुजीत की महामृत्युंजय द्वार पर वीवीआईपी इंतजाम में ड्यूटी थी। वह बाइक से महामृत्युंजय द्वार होते हुए नानाखेड़ा की तरफ जा रहे थे, इसी दौरान चायना मांझा उनके गले में आकर उलझा और बहुत ही तेजी से गले को काटते हुए गहरा घाव कर गया। उनके गले में 10 टांके आए।
  • कोतवाली थानाक्षेत्र में रहने वाले मोहम्मद गुलशेर बेटी साहिबा को स्कूल से लेकर घर लौट रहे थे। बेटी बाइक पर आगे बैठी थी। उसके गले में चायना डोर उलझ गई। समय रहते पिता ने बाइक रोककर चायना डोर को अलग कर दिया, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।
  • 13 दिसंबर को मालीपुरा निवासी शैलेंद्र परमार, दोस्त शुभम गहलोत के साथ चक्रतीर्थ गणेश मंदिर दर्शन कर मालीपुरा स्थित घर जा रहे थे। इसी दौरान ढाबा रोड पर चायना डोर शैलेंद्र के गले में आ गई। गले में चोट आई थी।
  • चिंतामन गणेश मंदिर के ईश्वर पुजारी शांति पैलेस के पीछे इनर रिंग रोड पर मंदिर से उज्जैन की और आ रहे थे इस दौरान चाइना डोर जैसे ही गले पर आई वैसे ही अपने हाथों से डोर को हटाने का प्रयास किया जिससे हाथों की उंगलियां कटी गई जिसमें 5 टांके आए है।

पतंगबाजी जारी है…

शहर में पतंगबाजी मकर संक्रांति के पूर्व से पर्व के दिन तक बड़े स्तर पर होती है, लेकिन पर्व गुजरने के बाद भी पतंगबाजी जारी है। यही कारण है कि पिछले तीन दिनों में चायना डोर से हो रही पतंगबाजी के कारण दो लोग घायल हो चुके हैं। चायना डोर से घायल होने पर संबंधित थाना पुलिस द्वारा अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धारा 188 के तहत केस दर्ज किया जाता है, लेकिन इसमें अपराधी कभी नहीं पकड़ाता।

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