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शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों के साथ निजी कंपनियों की मिलीभगत

स्टांप ड्यूटी की चोरी कर शासन को पहुंचाया नुकसान, लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:पवन उर्जा के क्षेत्र कार्य कर रही निजी कंपनियों ने शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर स्टांप ड्यूटी की चोरी से शासन को नुकसान पहुंचाया है। शिकायत पर जांच के बाद लोकायुक्त उज्जैन ने सात से अधिक लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए हंै।

लोकायुक्त के अनुसार धार जिले के छोटू शास्त्री ने लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा को शिकायत में बताया कि रतलाम, उज्जैन और धार जिले में पवन उर्जा का कार्य कर रही क्षेमा पॉवर लिमिटेड कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों ने शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों के साथ मिलकर एक प्रतिशत स्टांप ड्यूटी की चोरी कर शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया है।

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इस पर लोकायुक्त टीम द्वारा जांच के दौरान जिला पंजीयन कार्यालय उज्जैन, रतलाम, तहसीलदार रतलाम, बडऩगर और अक्षय उर्जा विभाग से विभिन्न जानकारियां प्राप्त की गई। सूत्रों का कहना है कि लोकायुक्त द्वारा प्रकरण दर्ज करने के बाद कंपनियों के अन्य जिलों में भी कार्य क्षेत्र का पता लगा रही है। इसके बाद संभव है कि जांच का दायरा अन्य जिलो तक भी पहुंच सकता है।

लागत का 1% स्टांप शुल्क का भुगतान नहीं किया

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शिकायत के बाद लोकायुक्त की जांच में पाया गया कि बडऩगर तहसील के ग्राम उबराडिय़ा, ग्राम भिड़ावद, ग्राम रूनीजा, ग्राम आमला, ग्राम जलोद संजर और ग्राम गजनीखेड़ी में क्षेमा पॉवर कंपनी ने पवन चक्की लगाने के लिए किसानों से भूमि क्रय की। साथ ही पवन चक्की लगाकर एसबीईएसएस कंपनी को भूमि विक्रय की गई बेची गई। एसबीईएसएस कंपनी को विक्रय के दौरान क्षेमा पॉवर लिमिटेड द्वारा उप पंजीयकों से मिलकर खाली खेत के फोटो लगाकर रजिस्ट्री कराई गई है। इस प्रकार पवन चक्की की लागत का एक प्रतिशत स्टांप शुल्क का भुगतान नहीं किया गया और स्टांप शुल्क की चोरी की गई। प्रति पवन चक्की अनुमानित लागत 15.52 करोड़ रुपए आई है जिसका एक प्रतिशत मतलब 15.52 लाख रुपये प्रति पवन चक्की स्टांप शुल्क की चोरी जांच पर से सिद्ध हो गया। इस प्रकार उक्त गांव में हर लोकेशन पर 15.52 लाख रुपए स्टांप शुल्क कम चुकाया गया। जिससे शासन को आर्थिक क्षति पहुंची। अपराधिक कृत्य शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों ने प्राइवेट फर्मों और व्यक्तियों के साथ मिलकर कारित किया जाना प्रमाणित हुआ।

इनके खिलाफ प्रकरण

लोकायुक्त ने जांच के बाद अपराध सिद्ध होने पर वाणिज्यिक कर विभाग उज्जैन की प्रज्ञा शर्मा, उप पंजीयक वाणिज्यिक कर विभाग उज्जैन राघवेंद्र रघुवंशी, अधिकृत व्यक्ति क्षेमा पॉवर एंड इंफास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड अमृतांश मंडलोई, अधिकृत व्यक्ति क्षेमा पॉवर एंड इंफास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड आशीष उपाध्याय, दिव्य ज्योति बरूआ, अधिकृत व्यक्ति एसबीईएसएस सर्विसेज प्रोजेक्टो-2 प्राइवेट लिमिटेड, रामचंद्र सिंह, अधिकृत व्यक्ति एसबीईएसएस सर्विसेज प्रोजेक्टो-2 प्राइवेट लिमिटेड, विनोद नायर मैनेजर क्षेमा पॉवर एंड इंफास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटे, डॉ. एस. बसंत, चेयरमैन एवं एमडी क्षेमा पॉवर एंड इंफास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड एवं अन्य के विरूद्ध भारतीय दंड विधान की विभन्न धाराओं में अपराध क्रमांक 0/257/2023 धारा-7, 13 (1) ए. 13(2) भ्र.नि.अधि. 1988 (संशोधन अधिनियम 2018) एवं 109, 4 एवं 120-(बी) भा.दं.वि. के अंतर्गत पंजीबद्ध किया। इसी प्रकार रतलाम जिले के ग्राम बिरमावल, ग्राम उमरथाना, ग्राम मउ, ग्राम दंतोडिय़ा आदि

में भी प्रत्येक पवन चक्की की लोकेशन पर 15.52 लाख रुपये की स्टाम्प शुल्क चोरी किया जाना जांच में पाया गया है। इसमें भी रतलाम जिले के उपपंजीयकों एवं क्षेमा पॉवर लिमिटेड तथा एसबीईएसएस कंपनी के अधिकारियों-कर्मचारियों की भूमिका एवं संलिप्तता जांच में पाई गई है। उक्त अपराधिक कृत्य शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों ने प्राइवेट फर्मों एवं व्यक्तियों के साथ मिलकर कारित किया जाना प्रमाणित पाए जाने पर रामचरण मालवीय, प्रसन्ना गुप्ता, वाणिज्यिक कर विभाग रतलाम के साथ उक्त कंपनियों के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी प्रकरण दर्ज किया गया है।

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