मार्च अंत तक शुरू हो सकती है ‘वंदे भारत’ स्लीपर ट्रेन…

देश की पहली ट्रेन है जो 160 किमी प्रतिघंटा रफ्तार से दौड़ेंगी…
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दिल्ली-कोलकाता या दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर चलाने की संभावना
16 कोच होंगे ट्रेन में, इनमें से 10 कोच एसी-3 के रहेंगे…
अक्षरविश्व न्यूज . नई दिल्ली:भारतीय रेल की बहुप्रतीक्षित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन मार्च अंत तक पटरियों पर दौडऩे के आसार हैं। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वंदे भारत स्लीपर सेमी हाई स्पीड ट्रेन 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाई जाएगी।
देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन दिल्ली-कोलकाता अथवा दिल्ली-मुंबई में से किसी एक रेलमार्ग पर चलाने की संभावना है। वंदे भारत स्लीपर देश की पहली ट्रेन है जोकि 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। रेलवे का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 मार्च को हरी इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना कर सकते हैं।
रेलवे मंत्रायल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का प्रोटाइप रक्षा मंत्रायल के सार्वजनिक उपक्रम भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, बेंगलुरु (बीईएमएल) में बनकर तैयार है और इसका ट्रॉयल चल रहा है। उन्होंने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में 16 कोच होंगे।
इसमें 10 कोच एसी-3, चार कोच एसी-2 और एक कोच एसी-1 का होगा। जबकि दो कोच एसएलआर (दिव्यांग फ्रेंडली) होंगे। अधिकारी ने बताया कि स्टील कोच वाली वंदे स्लीपर ट्रेन 200 किलोमीटर प्रतिघंटा के लिए डिजाइन किया है और 180 पर इसका ट्रायल चल रहा है। जबकि दिल्ली-कोलकाता या दिल्ली-मुंबई रूट पर वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को 160 प्रतिघंटा की रफ्तार पर चलाया जाएगा। राजधानी, शताब्दी से इसका किराया 10-15 फीसदी अधिक होगा।
दरवाजे प्लेटफॉर्म पर रुकने के बाद ही खुलेंगे
सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन (एसपीई) तकनीक की मदद से वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का एक्सेलरेशन-डीसेलरेशन तेज होता है। जबकि राजधानी एक्सप्रेस में इंजन ट्रेन को खींचता और ब्रेक लगाता है। एसपीई तकनीक से वंदे भारत की औसत बेहतर है इसलिए ट्रेन गंतव्य समय से तीन घंटे पहले पहुंचेगी। यात्री संरक्षा और सुविधा के मामले में उक्त ट्रेनें विश्व स्तरीय होंगी। इसके स्लाइड दरवाजे ऑटोमैटिक होंगे जो प्लेटफार्म पर ट्रेन के रुकने के बाद ही खुलेंगे।