उज्जैन-इंदौर सिक्सलेन की डीपीआर लगभग तैयार, 8 फ्लायओवर प्रस्तावित

सिंहस्थ-2028 को देखते हुए उज्जैन से जुड़ी सड़कों को प्राथमिकता

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन |उज्जैन-इंदौर के बीच प्रस्तावित सिक्सलेन की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार है और इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। डीपीआर के संबंध में जो प्रारंभिक जानकारी समाने आई है, उसके अनुसार सिक्सलेन पर 8 फ्लायओवर का निर्माण प्रस्तावित किए जा रहे। सिक्सलेन हेरिटेज थीम पर बनेगा, योग-संस्कृति केंद्र, म्यूजियम भी होंगे। इसके अलावा सिंहस्थ-2028 को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि उज्जैन से जुड़ी सड़कों की योजनाओं को प्राथमिकता से पूरा किया जाए।

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार एमपीआरडीसी को इंदौर-उज्जैन रोड को फोरलेन से सिक्स लेन बनाना है। सिक्सलेन के लिए बन रही डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट लगभग तैयार हो चुकी है, जो अगले कुछ दिनों में भिजवाई जाएगी। उसके आधार पर टेंडर निकाला जाएगा। एजेंसी के पास साढ़े तीन साल का समय है, जिसमें सड़क को सिक्स लेन में बनाना होगा। इधर सिंहस्थ को लेकर प्रदेश सरकार का जोर उज्जैन से जुडऩे वाले अधिकांश मार्गों का निर्माण प्राथमिकता में रखकर समय सीमा में पूरा किया जाए।

सड़कों का निर्माण तेजी से करने पर जोर

2028 में होने वाले सिंहस्थ को लेकर प्रदेश सरकार की तैयारियां चार साल पहले से शुरू हो चुकी हैं। महाकाल और ओंकारेश्वर कारिडोर तक आसानी से श्रद्धालु पहुंच सकें, इसके लिए सरकार ने सड़कों का निर्माण तेजी से करने पर जोर दिया है। इंदौर-खंडवा, इंदौर-उज्जैन, इंदौर-देवास, पश्चिम व पूर्वी रिंग रोड सहित अन्य सड़कों के लिए डेडलाइन रखी है। एमपीआरडीसी और एनएचएआइ के अधिकारियों निर्देश दिए गए है कि सिंहस्थ में देशभर से श्रद्धालु आएंगे, जो महाकाल-ओंकारेश्वर के अलावा भी अन्य मंदिरों में दर्शन करने पहुंचेंगे। ऐसी स्थिति में उन्हें परिवहन को लेकर कोई दिक्कत न हो। उधर एजेंसियों ने निर्माण से पहले जमीन और विद्युतीकरण से जुड़े कार्यों में सहयोग करने की बात कही।

सिक्सलेन हाईवे हेरिटेज थीम पर विकसित

उज्जैन-इंदौर के बीच प्रस्तावित सिक्सलेन हाईवे हेरिटेज थीम पर विकसित होगा। सिंहस्थ-2028 को देखते हुए शासन ने तय किया है कि हाईवे पर धार्मिक, सांस्कृतिक के साथ ऐतिहासिक झलक भी दिखना चाहिए। महाकाल लोक और ओंकारेश्वर में एकात्मधाम बनने के बाद से ही मालवा-निमाड़ में धार्मिक पर्यटन तेजी से बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा है सिंहस्थ के साथ अन्य स्थानों की भी ब्रांडिंग हो और इनके बीच आवाजाही सुगम बने। मुख्यमंत्री स्वयं उज्जैन-इंदौर हाईवे को हेरिटेज थीम पर विकसित करने की बात कह चुके हैं। बताया जा रहा है कि करीब 1400 करोड़ रुपए लागत से प्रस्तावित सिक्सलेन पर 8 फ्लायओवर सांवेर, धरमपुरी बायपास के दोनों ओर, पंथपिपलई, उज्जैन शहर में महामृत्युंजय द्वार, इंजीनियरिंग कॉलेज और शांति पैलेस प्रस्तावित किए जा रहे हंै।

इंदौर-देवास का डामरीकरण

इंदौर से देवास होते हुए उज्जैन जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी सड़क का काम चल रहा है। एनएचएआइ इंदौर-देवास रोड पर डामरीकरण हो रहा है। यह काम सालभर में पूरा करना है। वहीं, एमआर-10 से राघवगढ़ के बीच बनने वाली 28 किमी सड़क दिसंबर 2025 तक पूरी करना है। इन दिनों एनएचएआइ निर्माण कार्य करने में जुटा है। अधिकारियों के मुताबिक, सिंहस्थ के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को बाहर से निकाला जाएगा।

सिक्सलेन पर यह होगा

हाईवे पर नेचुरोपैथी सेंटर, आयुर्वेद सेंटर, योग केंद्र, वेलनेस सेंटर, म्यूजियम, कन्वेंशन सेंटर, थीम पर आधारित हेरिटेज सेंटर, मालवी, निमाड़ी, राजस्थानी ढाणी, पारंपरिक फूड सेंटर, हाट-बाजार, आध्यात्मिक केंद्र, थीम पार्क, होटल, थियोलॉजिकल विलेज, कल्चरल एरिना व अन्य एम्युजमेंट सेंटर रहेंगे। इसके साथ सफर करने वालों को महाकाल लोक के साथ ही ओंकारेश्वर, दादाजी धुनीवाले, पशुपतिनाथ मंदिर, बगलामुखी मंदिर, सलकनपुर लोक, सिद्धनाथ धाम, मांडू, हनुवंतिया, महेश्वर व गांधी सागर जैसे स्थानों की जानकारी भी मिलेगी। इससे श्रद्धालु अन्य पर्यटन स्थलों की ओर भी आकर्षित होंगे। मालवा-निमाड़ में धार्मिक-हेरिटेज टूरिज्म विकसित होगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सिंहस्थ के साथ ही इन स्थानों तक भी कनेक्टिविटी और ट्रैफिक सर्कुलेशन की योजना तैयार हो सकेगी।

सिंहस्थ से पहले एनएचएआइ को उज्जैन से जोडऩे वाली सड़कों का काम पूरा करना है। करीब आधा दर्जन प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जो साढ़े तीन साल में खत्म करना है। शासन के निर्देशानुसार सिंहस्थ के मद्देनजर उज्जैन से संबंधित सड़कों को वरियता के आधार पर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सुमेश बांझल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर इंदौर,एनएचएआइ

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