मार्च एंडिंग से पहले व्यापारियों में नया हड़कंप

उधारी 45 दिन में चुकाना जरूरी, नहीं तो बकाया राशि पर लगेगा फटका
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन मार्च एंडिंग से पहले इस बार शहर के सभी व्यापारियों में नया हड़कंप मच गया है। उधारी 45 दिन में चुकाना जरूरी, नहीं तो फटका लग सकता है। इस नियम को लेकर व्यापारी एक दूसरे से पूछ रहे और चार्टर्ड अकाउंटेंट से भी जानकारी ले रहे, लेकिन स्थिति पूरी तरह साफ नहीं हो रही। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले व्यापारी एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम में भुगतान के नए नियमों को लेकर हलाकान हो रहे हैं। उधारी में माल खरीदने की समय सीमा 45 दिन की गई है। इसके बाद बकाया पेमेंट के हिसाब से लाखों करोड़ों रुपए का फटका लग सकता है।
दरअसल, केंद्र सरकार के निर्देश पर एमएसएमई के नए प्रावधान के तहत किसी व्यापारी ने अब तक पेमेंट नहीं किया है, तो 31 मार्च के पहले सारे व्यापारियों को भुगतान करना जरूरी है। जिस व्यापारी का पेमेंट नहीं किया, वो अब तक पेमेंट नहीं किया है, तो 31 मार्च के पहले सारे व्यापारियों को भुगतान करना बेहद जरूरी है। जिस व्यापारी का पेमेंट नहीं किया, वो एमएसएमई के तहत कानूनन ब्याज की राशि मांग सकता है और उसे ब्याज की राशि देनी होगी। पेमेंट करने की टाइम लिमिट 45 दिन की गई है। किसी भी स्थिति में व्यापी 45 दिन से ऊपर के समय में उधारी में माल खरीद नहीं सकते हैं। अगर व्यापारी के पास एग्रीमेंट नहीं है, तो 15 दिन के अंदर पेमेंट करना होगा। अगर कोई एग्रीमेंट या अनुबंध किया है, तो उसे 45 दिन का टाइम मिल जाएगा।
स्थिति साफ नहीं, सब
अलग अलग बात बता रहे…
बर्तन निर्माता और व्यापारी संघ के अध्यक्ष विजय मित्तल और सचिव प्रकाश आच्छा ने बताया सभी व्यापारी नए कानून से डरे हुए हैं। इस स्थिति में सरकार को जल्द पूरी स्थिति साफ करनी चाहिए। जीएसटी की मार से व्यापारी वर्ग अभी उबर नहीं पाए और इस नए नियम ने सभी की नींद उड़ा दी है। ऑनलाइन व्यापार अलग स्थानीय व्यापारियों की कमर तोड़ रहा। दलहन विक्रेता विकास अग्रवाल ने बताया दाल मिलों से भी फोन पर फोन आ रहे हैं। तय सीमा में उधारी न चुकाने पर अपने आप पैसा कटने की बात भी बताई जा रही है। हम सभी अनिर्णय की स्थिति में हैं।
50 करोड़ का है टर्न ओवर, तो इस कैटेगरी में होंगे शामिल
चार्टर्ड अकाउंटेंट ने बताया कि लघु और कुटीर इंटरप्राइजेज को यदि तय सीमा से पहले भुगतान नहीं किया, तो आपने जो भी खर्चा अपने प्रॉफिट-लॉस अकाउंट के अंदर क्लेम किया है, वही आपकी इनकम मान ली जाएगी। एमएसएमई के अनुसार जिसका प्लांटेशन मशीनरी में 10 करोड़ तक निवेश है। साथ में पिछले फाइनेंशियल ईयर में टर्न ओवर 50 करोड़ का है, वे सभी स्मॉल उद्यम के कैटेगरी में आएंगे। ज्यादातर जितने व्यापारी वर्ग हैं, जो छोटे-छोटे व्यापारियों से सामान खरीदते हैं और डेढ़ से दो महीने उधारी रहती है लेकिन अब पेमेंट का भुगतान पहले ही करना पड़ेगा।
अभी कई स्थितियां साफ होना है
एमएसएमई के नए प्रावधानों को लेकर व्यापारियों में कई सवाल हैं। अभी कई स्थितियां सरकार के स्तर से साफ होना बाकी है। जल्द हो जाएंगी।
सिद्धार्थ त्रिपाठी, सीए
अभी यह स्थिति
यदि कोई भुगतान 31 मार्च के बाद करते हैं तो उसमे भी समय सीमा देखी जाएगी। भुगतान की समय सीमा 31 मार्च तक निकल चुकी है तो राशि आय में जुड़ जाएगी। भुगतान की समय सीमा 31 मार्च के बाद भी बाक़ी है एवं भुगतान निर्धारित समय सीमा में कर दिया है तो राशि आय में नहीं जुड़ेगी।
सीए केके अटल