हर विद्यार्थी की लिखी जाएगी ‘परफॉर्मेंस डायरी’

By AV News

सीएम राइज स्कूल नई पहल : तेज और कमजोर विद्यार्थी का बनाएंगे जोड़ा

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन सीएम राइज स्कूलों के परिणाम सुधारने को लेकर फिर से कवायद हो रही है। स्कलों को अब आदर्श स्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा है। सीएम राइज स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र से 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों में शैक्षणिक सुधार के लिए भी नई पहल की जा रही है। सीएम राइज स्कूलों के 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा के इस साल के परिणामों का अधिकारियों ने विषयवार विश्लेषण कराया है।

सीएम राइज स्कूलों एक-एक विद्यार्थी को चिह्नित किया गया है। इस सत्र से सीएम राइज स्कूलों में प्रत्येक विद्यार्थियों की डायरी होगी, जिसमें उनकी परफॉर्मेंस लिखी जाएगी। साथ ही एक बड्डी (तेज व कमजोर विद्यार्थी का जोड़ा) बनाया जाएगा। इस दौरान थिंक पेयर एंड शेयर प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

दोनों विद्यार्थी सोचेंगे और एक-दूसरे को शेयर करेंगे। इसके अलावा पीयर लर्निंग (समूह में सीखना) प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी। इसमें पांच-पांच विद्यार्थियों का समूह बनाया जाएगा, ताकि डिस्कशन से विद्यार्थी ज्यादा सीख सकें। बता दें कि इस साल सीएम राइज स्कूलों का 10वीं में 70 तो 12वीं में 73.08 प्रतिशत परिणाम आया है। सुधार के प्रयासों के तहत प्राचार्यों को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि नवंबर तक पाठ्यक्रम पूरा करें, ताकि रिवीजन कक्षाएं चलाई जा सकें।

यह प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी

  • महीने में एक शिक्षक विद्यार्थी के घर जाएंगे, वहां का माहौल देखेंगे।
  • अभिभावकों को महीने में एक दिन स्कूल बुलाया जाएगा।
  • पिछले पांच वर्षों के प्रश्नपत्रों को हल कराया जाएगा।
  • शिक्षकों को प्रतिदिन डेली डायरी लिखकर प्राचार्यों से चेक करवाना होगा।
  • हर विषय की तकनीक की मदद से अलग प्रकार से पढ़ाई कराई जाएगी।
  • मासिक टेस्ट अनिवार्य होगा।
  • अभिभावकों का वाट्सएप ग्रुप बनेगा।
  • गृह कार्य में अभिभावकों के हस्ताक्षर लिए जाएंगे।विद्यार्थी से भी उनका लक्ष्य निर्धारित कराकर कक्षा में लगाया जाएगा।

एक शिक्षक को 15 विद्यार्थी दिए जाएंगे

पालक-शिक्षकों का ग्रुप बनाया जाएगा। एक शिक्षक को 10 से 15 विद्यार्थियों की जिम्मेदारी दी जाएगी। वे कक्षा में उपस्थिति से लेकर उनके सीखने की क्षमता, मासिक, तिमाही और छमाही परीक्षा परिणामों पर सटीक नजर रखकर निगरानी रखेंगे। शिक्षक विद्यार्थियों के परिवार के सदस्य की तरह कार्य करेंगे।

एक शिक्षक को 15 विद्यार्थी दिए जाएंगे

पालक-शिक्षकों का ग्रुप बनाया जाएगा। एक शिक्षक को 10 से 15 विद्यार्थियों की जिम्मेदारी दी जाएगी। वे कक्षा में उपस्थिति से लेकर उनके सीखने की क्षमता, मासिक, तिमाही और छमाही परीक्षा परिणामों पर सटीक नजर रखकर निगरानी रखेंगे। शिक्षक विद्यार्थियों के परिवार के सदस्य की तरह कार्य करेंगे।

कोल्ड कालिंग प्रक्रिया अपनाई जाएगी

कक्षाओं के संचालन के दौरान कोल्ड कालिंग (आइसक्रीम की स्टिक पर जिस बच्चे का नाम आएगा, उस बच्चे को प्रश्न का जवाब देना होगा) का प्रयोग होगा। इसमें किसी भी विद्यार्थी से प्रश्न किया जा सकता है, ताकि सभी विद्यार्थी अलर्ट रहें। प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि तिमाही और छमाही परीक्षा के परिणामों का तत्काल विश्लेषण करें, ताकि कमजोर विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान दिया जा सके।

नई पहल इस सत्र से शुरू की जा रही है। तीन सालों में परिणाम में सुधार आया है, लेकिन इस साल के परिणाम का विश्लेषण कर प्राचार्यों को लक्ष्य दिया गया है।
– आनंद कुमार शर्मा,जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन।

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