कॉलेजों में वोकेशनल एजुकेशन ट्रेनिंग एंड स्किलिंग ईकोसिस्टम लागू
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कॉलेजों में अब वोकेशनल एजुकेशन ट्रेनिंग एंड स्किलिंग ईकोसिस्टम (वेट्स) लागू किया जा रहा है। इसके तहत रोजगार को बढ़ावा देने के लिए छात्रों को ऐसे क्षेत्रों से जोड़ा जाएगा जो स्किल डेवलपमेंट पर आधारित हैं। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इस संबंध में एसओपी जारी की है।
वेट्स ईकोसिस्टम के तहत ट्रेनिंग को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है। इसमें फ्रेश स्किलिंग भी दो श्रेणियों में बांटी गई है। इसमें शार्ट टर्म ट्रेनिंग और लॉन्ग टर्म ट्रेनिंग शामिल है। शार्ट टर्म ट्रेनिंग एक वर्ष से कम और 1200 घंटे की रहेगी। इसी के साथ एक साल के बराबर या उससे अधिक रहेगी। यह भी 1200 नोशनल लर्निंग ऑवर का होगा। यूजीसी ने विभिन्न तरह की मांग के तहत सात तरह के स्किल कोर्स संचालित करने के लिए एसओपी दी है।
इसमें मल्टी स्किल कोर्स जिसमें किसी निश्चित सेक्टर से जुड़ी मल्टी स्किल शामिल हैं। इसमें उस क्षेत्र के सब सेक्टर से संबंधित स्किल कोर्स भी रखे जाएंगे। इनके अलावा क्रॉस सेक्टरल स्किल क्वालिफिकेशंस व कोर्सेस हैं। इसमें अलग-अलग सेक्टर से जुड़ी स्किल शामिल हैं। स्किल डेवलपेंट में सबसे महत्वपूर्ण कोर्सेस में ट्रेडिशनल/हेरिटेज स्किल कोर्सेस हैं। इसमें रोजगार के अवसर भी खोजे जाएंगे।
लेक्चर और प्रैक्टिकल दोनों को किया शामिल
स्किल कोर्सेस के संचालन के लिए अलग-अलग मॉड्यूल अपनाए जाएंगे। इनमें लेक्चर, थ्योरी, असाइनमेंट, प्रैक्टिकल, इंटर्नशिप, प्रोजेक्ट वर्क, ऑन द जॉब ट्रेनिंग और असेसमेंट शामिल है। वेट्स के लिए अलग-अलग असेसमेंट एजेंसी भी रहेंगी। स्किल से जुड़े यह कोर्सेस यूनिवर्सिटी, कॉलेज , डीम्ड यूनिवर्सिटी, इंडियन नेशनल इंस्टीट्यूट आदि में संचालित होंगे। इधर, प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में कई वोकेशनल कोर्सेस संचालित हो रहे हैं। अब इनका श्रेणीकरण कर और बेहतर बनाया जाएगा। इस दिशा में जल्द काम शुरू किया जाएगा।
फ्यूचर स्किल कोर्स शामिल
यूजीसी ने फ्यूचर स्किल कोर्सेस को भी एसओपी में जोड़ा है। इंडस्ट्रीज की भविष्य में होने वाली मांग को लेकर किस तरह से स्किल डेवलपमेंट हो, इसके लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें एआई-मशीन लर्निंग टेक्शिनियंस , ड्रोन टेक्नोलॉजी प्रोडक्शन एंड सर्विस आदि जोड़ेंगे। एमएनसी बेस्ड स्किल कोर्स, विशेष मांग के तहत डिजाइन किए गए कोर्स को रखा गया है।
अप स्किलिंग, री-स्किलिंग
दूसरे भाग में अप स्किलिंग को शामिल किया गया है। इसमें ऐसी स्किल को शामिल किया गया है जो छात्र के नॉलेज को अपग्रेड करेगी। यह एडीशनल नॉलेज छात्र के प्रदर्शन और उसकी योग्यता को बढ़ाएगी। इसके बाद री-स्किलिंग में ऐसी टेक्निक और नवाचार को शामिल किया जाएगा जो संबंधित को वर्कप्लेस में और बेहतर प्रदर्शन में मदद करेगी।