उज्जैन इंडस्ट्री डेवलपमेंट की नई राह पर तेजी से अग्रसर

विक्रम उद्योगपुरी में मांगी ब्रिटेन कोरिया के उद्योगपतियों ने जमीन

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शैलेष व्यास. उज्जैन उज्जैन इंडस्ट्री डेवलपमेंट की नई राह पर अग्रसर हो रहा है। नए उद्योग की स्थापना के लिए जमीन की मांग भी आने लगी है। उज्जैन में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बाद अब यहां यूरोप के ग्रेट ब्रिटेन और साउथ कोरिया के इंडस्ट्रियलिस्ट ने उद्योग लगाने के लिए जमीन की डिमांड करना शुरू कर दिया है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने उज्जैन की विक्रम उद्योगपुरी को विस्तारित करने के लिए 1170 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की प्रोसेस शुरू करने का निर्णय किया है।

करीब 7 माह पूर्व उज्जैन में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बाद विक्रम उद्योगपुरी में जमीन की डिमांड बढऩे के बाद नए उद्योगों को देने के लिए 1170 एकड़ जमीन अधिग्रहण का प्रारंभिक प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके लिए 6 गांवों की जमीन चिन्हित कर ली है।..

अभी तक दी जा चुकी है 458 हेक्टेयर जमीन

बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की मंशा अनुसार औद्योगिक क्षेत्र के सृजन और रोजगार को बढ़ावा देने का लक्ष्य लेकर प्रदेश के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को प्रदर्शित करने, राज्य की नीतियों को बढ़ावा देने, उद्योग के अनुकूल नीतियों को तैयार करने के लिए उद्योग विशेषज्ञों के साथ परामर्श करने, सहयोग के अवसरों का पता लगाने, रोजगार का सृजन और निर्यात क्षमता को बढ़ावा देने, खरीदार-विक्रेता बैठक की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की शुरुआत की गई। इसकी क्र्रम प्रदेश की पहली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन 1 और 2 मार्च 2024 को उज्जैन में किया गया था।

उज्जैन-देवास मार्ग पर उज्जैन से लगभग 14 किमी और देवास से 18 किमी दूरी पर यह उद्योगपुरी नरवर गांव के पास है। इस इंडस्ट्रियल एरिया में पहले से 458 हेक्टेयर जमीन थी, जो अब पूरी तरह से औद्योगिक संस्थाओं को दी जा चुकी है और ऐसे में सरकार को इसी के आस-पास के गांवों में इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट के लिए भूमि अधिग्रहण करना पड़ रहा है।

वॉल्वो आइसर को चाहिए 70 एकड़ जमीन

उद्योग लगाने के लिए वॉल्वो आइसर को सौ एकड़ जमीन चाहिए। अभी उपलब्धता के आधार पर 31 एकड़ जमीन वॉल्वो आइसर को दी गई है। इसके बाद अभी 70 एकड़ जमीन और दी जाना है। यह काम भूमि अधिग्रहण के बाद हो पाएगा। इसी तरह ग्रेट ब्रिटेन और साउथ कोरिया के कुछ निवेशकों ने यहां निवेश की इच्छा जताई है। इसे देखते हुए यहां जमीन का अधिग्रहण व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। जमीन अधिग्रहीत करने के दौरान भूमि स्वामी को जमीन की कलेक्टर गाइडलाइन के आधार पर दोगुना दाम देकर उसका अधिग्रहण किया जाएगा

इन उद्योगों को भी मौका : डीएमआईसी विक्रम उद्योगपुरी टाउनशिप में औद्योगिक, विनिर्माण, आवासीय, वाणिज्यिक, सार्वजनिक, अर्ध-सार्वजनिक होल्डिंग्स, शैक्षणिक संस्थान जैसे मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई), ऑटोमोटिव और ऑटो घटक, आईटी और इंजीनियरिंग सेवा उद्योग शामिल होंगे।

विक्रम उद्योगपुरी में अभी यह है स्थिति

कुल उपलब्ध जमीन 458 हेक्टेयर

इंडस्ट्रीज को आवंटित 77

इंडस्ट्री डिमांड 30

मेडिकल डिवाइस पार्क को दी जमीन 360 एकड़

भूखंडों की संख्या 102

भूखंडों का आकार आधा एकड़ से 24.5 एकड़

प्रस्तावित निवेश 5198.59

प्रस्तावित रोजगार 15060

15 नवंबर तक जमीन अधिग्रहण

रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बाद यहां 200 एकड़ जमीन की डिमांड 31 उद्योगपतियों ने की है। औद्योगिक निवेश की संभावनाओं को देखते हुए सरकार ने जमीन का अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद 60 दिन की अवधि में इसका अधिग्रहण पूरा कर लिया जाएगा। 15 नवंबर तक जमीन अधिग्रहण का काम पूरा करने के लिए उज्जैन कलेक्टर ने 6 गांवों की जमीन चिन्हित कर ली है। नोटिफिकेशन जारी होना है। इस भूमि अधिग्रहण में 450 करोड़ रुपए से अधिक के खर्च का अनुमान है।

इन गांवों में जमीन होगी अधिग्रहित

गांव -अधिग्रहित भूमि

नरवर -231.078

कड़छा -38.91

गांवड़ी- 46.76

मुंजाखेड़ी -31.55

पिपलौदा द्वारकाधीश -22.62

चैनपुर हंसखेड़ी- 90.57

माधौपुर- 11.81

कुल -473.298

रकबा (हेक्टेयर में)

भूमि अधिग्रहण राजस्व विभाग करेगा। नोटिफिकेशन शेष है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। जमीन प्राप्त होने के बाद डीएमआईसी द्वारा अगली कार्ययोजना पर कार्य किया जाएगा। -कृतिका भीमावद, एसडीएम, उज्जैन

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