मन की बात का 115वां एपिसोड : PM ने किया Digital Arrest का जिक्र

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को संबोधित किया। सबसे पहले तो उन्होंने बिरसा मुंडा, सरदार पटेल और स्वामी विवेकानंद की आने वाली जयंती पर महान आत्माओं को नमन किया। इसके बाद उन्होंने भारत में गेमिंग स्पेस के तेजी से विस्तार, मेड इन इंडिया और एनिमेशन को लेकर कई बातें बताईं। मोदी ने खतरनाक रूप ले रहे डिजिटल अरेस्ट पर भी प्रकाश डाला और लोगों को इससे बचने के प्रयास भी बताए। बता दें कि यह पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम का 115वां एपिसोड था।

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‘मन की बात’ के भी बहुत से श्रोताओं ने मुझे अपने अनुभव भेजे हैं। कुछ लोग तो बहुत ही रोचक प्रयोग कर रहे हैं। जैसे एक उदाहरण है, फैमिली फिटनेस ऑर का, यानि एक परिवार, हर वीकेंड एक घंटा फैमिलि फिटनेस एक्टिविटी के लिए दे रहा है। एक और उदाहरण Indigenous Games Revival का है, यानि कुछ परिवार अपने बच्चों को ट्रैडिशनल गेम्स सिखा रहे हैं, खिला रहें हैं।
मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि कुवैत में श्री अब्दुल्ला अल-बारुन ने रामायण और महाभारत का अरबी में अनुवाद किया है। यह कार्य मात्र अनुवाद नहीं, बल्कि दो महान संस्कृतियों के बीच एक सेतु है। उनका यह प्रयास अरब जगत में भारतीय साहित्य की नई समझ विकसित कर रहा है।

पीएम मोदी ने मन की बात में कहा कि Digital arrest के शिकार होने वालों में हर वर्ग, हर उम्र के लोग हैं। लोगों ने डर की वजह से अपनी मेहनत से कमाए हुए लाखों रुपए गवां दिए हैं। कभी भी आपको इस तरह का कोई कॉल आए तो आपको डरना नहीं है। आप को पता होना चाहिए कोई भी जांच एजेंसी, फोन कॉल या वीडियो कॉल पर इस तरह पूछताछ कभी भी नहीं करती।

इसपर लोगों को आगाह करते हुए मोदी ने आगे कहा कि मैं आपको डिजिटल सुरक्षा के तीन चरण बताता हूँ। ये तीन चरण हैं – ‘रुको सोचो और ऐक्शन लो’। कॉल आते ही, ‘रुको’ घबराएं नहीं, शांत रहें, जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं, किसी को अपनी व्यक्तिगत जानकारी न दें, संभव हो तो स्क्रीनशॉट लें और रिकॉर्डिंग जरूर करें।

दूसरा चरण है ‘सोचो’- कोई भी सरकारी एजेंसी पर ऐसे धमकी नहीं देती, न ही वीडियो कॉल पर पूछताछ करती है, न ही ऐसे पैसे की मांग करती है अगर डर लगे तो समझिए कुछ गड़बड़ है। तीसरा चरण – ‘एक्शन लो’। राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 डायल करें, http://cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें, परिवार और पुलिस को सूचित करें, सबूत सुरक्षित रखें

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