अक्टूबर के महीने के महंगाई के आंकड़े और दूसरी तिमाही के जीडीपी के बीच फंसी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनेटरी पॉलिसी ने सबसे पहले महंगाई से जंग जारी रखने का ऐलान कर दिया है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पॉलिसी रेट का फैसला सुनाते हुए कहा कि रेपो रेट को फ्रीज रखा जाएगा. इसका मतलब है कि आरबीआई ने लगातार 11वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. आखिरी बार ब्याज दरों में बदलाव फरवरी 2023 में किया था.
जब ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. उसके बाद से रिजर्व बैंक की ओर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.वहीं दूसरी ओर महंगाई की इस जंग में देश की ग्रोथ को झटका लग सकता है. इसके संकेत आरबीआई के अनुमान से लग गया है. आरबीआई एमपीसी ने मौजूदा वित्त वर्ष की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को कम कर 6.6 फीसदी पर कर दिया है. जो पहले 7 फीसदी था.
ये लगातार दूसरी बार है जब आरबीआई ने अपनी जीडीपी अनुमान को कम कम किया है. अक्टूबर महीने की मीटिंग में आरबीआई एमपीसी ने जीडीपी के अनुमान मो 7.2 फीसदी से कम कर 7 फीसदी कर दिया था.खास बात तो ये है कि ये बैठक आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के कार्यकाल की आखिरी बैठक है.
उसके बाद फरवरी में होने वाली बैठक में नए गवर्नर दिखाई दे सकते हैं. मौजूदा समय में आरबीआई का रेपो रेट 6.5 फीसदी पर है. मई 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक रिजर्व बैंक की एमपीसी ने महंगाई को कंट्रोल करने के लिए रेपो रेट में कुल 2.50 फीसदी का इजाफा किया था. आम लोगों को इस बार काफी उम्मीदें थी कि एमपीसी ब्याज दरों में कटौती उन्हें राहत देगी. लेकिन महंगाई के आंकड़ों ने एक बार फिर से आरबीआई के हाथ बांध दिए हैं.