अब सरकारी अस्पताल में अनुबंध पर सेवा देंगे निजी विशेषज्ञ

गाइड लाइन और मानदेय का इंतजार, समितियां बनेंगी

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सरकारी अस्पतालों में ऑपरेशन थियेटर व अन्य संसाधन उपलब्ध होने के बाद भी विशेषज्ञ डॉक्टर्स नहीं होने के कारण मरीजों को दूसरे अस्पताल रैफर करना पड़ता है। प्रदेश सरकार द्वारा इस समस्या का समाधान निकालते हुए प्रायवेट अस्पतालों के विशेषज्ञ डॉक्टर्स की सेवाएं मानदेय के आधार पर लेने के आदेश जारी किए हैं।

अभी ऐसे हैं हालात- प्रदेश के साथ ही शहर के जिला चिकित्सालय का उदाहरण लें तो यहां विशेषज्ञ डॉक्टर्स की कमी है। स्पाइनल सर्जरी हो या दिमाग का ऑपरेशन, चर्मरोग व अन्य बीमारियों के विशेषज्ञ डॉक्टर यहां लंबे समय से पदस्थ नहीं हैं। खास बात यह कि ऑपरेशन के पूर्व मरीज को दिए जाने वाले एनेस्थिसिया विशेषज्ञ की सेवाएं भी अनुबंध के आधार पर प्रायवेट डॉक्टर से ली जा रही हैं। हालात यह है कि समय पर विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध नहीं होने और मरीज की स्थिति गंभीर होने पर उसे प्राथमिक उपचार देकर एमवायएच इंदौर रैफर किया जाता है।

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यह है योजना
शासन ने आयुष्मान रोगियों के लिए यह व्यवस्था लागू करते हुए आदेश जारी किए हैं। आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा तरुण राठी ने आदेश में उल्लेख किया कि सरकारी ब्लॉक व जिला अस्पतालों में मासिक भुगतान के आधार पर निजी विशेषज्ञ डॉक्टर्स की सेवाएं ली जाएं। आदेश आयुष्मान योजना की सुविधा प्राप्त मरीजों के लिए है। प्रायवेट विशेषज्ञ से एक वर्ष का अनुबंध किया जाएगा जिनका चयन समिति करेगी।

इस तरह होगा भुगतान
सर्जिकल विशेषज्ञों को संबंधित बीमारी में आयुष्मान योजना में निर्धारित पैकेज की कुल राशि का 21.6 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा। एनेस्थीसिया विशेषज्ञ को 10.8 प्रतिशत मिलेगा। सर्जरी करने वाले डॉक्टर की ऑपरेशन के पहले से फॉलोअप तक उपचार की जिम्मेदारी होगी। आयुष्मान योजना में सर्जरी के 99 प्रतिशत पैकेज में राशि दो हजार से ऊपर है। जैसे कि सबसे सामान्य मानी जाने वाली गठान की सर्जरी का पैकेज 2000 रुपए, साइनस की सर्जरी के 5000 रुपए, नसबंदी के दो हजार रुपए हैं।

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दो विभागों में हो रहा अनुबंध पर काम
चरक अस्पताल के अफसरों से मिली जानकारी के अनुसार गायनिक विशेषज्ञ और एनेस्थीसिया विशेषज्ञ की सेवाएं पूर्व से ली जा रही हैं। इनसे अनुबंध के आधार पर काम लेकर भुगतान किया जाता है। नया आदेश आयुष्मान योजना के मरीजों के लिए है।
प्रदेश आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के आदेश प्राप्त हुए हैं। इसमें विशेषज्ञ डॉक्टर्स का मानदेय, गाइड लाइन फिक्स नहीं की गई है। ब्लाक व जिला स्तर पर समिति बनाने के निर्देश हैं जिसमें अस्पताल के लोग शामिल रहेंगे। उनके द्वारा विशेषज्ञ का चयन किया जाएगा। इस संबंध में कार्रवाई जारी है। – डॉ. अशोक पटेल, सीएमएचओ

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