पुलिस का खुलासा होते ही फरार हो गए बदमाश, आरोपियों का फोन भी रिसीव नहीं कर रहे
अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। पिछले दिनों रामकृष्ण मिशन के सचिव को डिजिटल अरेस्ट कर बदमाशों ने 71 लाख से अधिक की धोखाधड़ी की थी। नानाखेड़ा थाना पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए इंदौर के 4 बदमाशों को गिरफ्तार किया। 31 लाख रुपए के करीब बैंक में फ्रीज करवाए और मामले का खुलासा कर दिया। इसी के बाद गैंग के फरार सदस्यों ने अपने मोबाइल बंद कर लोकेशन भी बदल ली। अब पुलिस की टीमें उनकी तलाश में अलग-अलग स्थानों पर दबिशें दे रही है।
सोशल मीडिया एप्लीकेशन पर चेटिंग व कोडवर्ड में होती है बात
एसआई कनेश ने बताया कि सायबर ठगा सोशल मीडिया एप्लीकेशन इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, टेलीग्राम का उपयोग बातचीत के लिए करते हैं। ठगों द्वारा चेटिंग के माध्यम से कोडवर्ड में एक दूसरे तक संदेश पहुंचाए जाते हैं। यह लोग अपने नाम बदलकर वेबसाइट बनाते हैं। वहीं दूसरी ओर एक गैंग जरूरतमंदों को तलाश कर उनके बैंक खाते खुलवाती है। उन्हें कमीशन का लालच देकर खातों में रुपए ट्रांसफर कराए जाते हैं। पुलिस जिन खातों में रुपए ट्रांसफर होते हैं उन तक तो पहुंच जाती है लेकिन डिजिटल अरेस्ट करने वाली गैंग के सदस्यों को पकड़ पाना मुश्किल होता है।
यह था मामला
रामकृष्ण मिशन आश्रम के वृद्ध सचिव के पास सेडेक्स इंटरनेशनल कोरियर्स की मुंबई शाखा से अनजान महिला का कॉल आया था। उक्त महिला ने सचिव से कहा कि आपके द्वारा मुंबई से ताइवान भेजा गया ड्रग पार्सल वापस मुंबई आ गया है। इसके बारे में सीबीआई द्वारा पूछताछ की जा रही है। उसने सचिव को बातों में उलझाकर अंधेरी मुंबई थाना पुलिस से संपर्क भी करवाया और उनके मोबाइल में इस्काई एप डाउनलोड करवाकर वीडियो कॉलिंग की। साथ ही अलग-अलग बैंकों के खातों में कुल 71 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से जमा करवाए थे।
ऐसे पकड़ाए थे बदमाश
नानाखेड़ा थाना पुलिस ने शिकायत की जांच करते हुए सबसे पहले जिन खातों में आरटीजीएस के जरिए राशि ट्रांसफर हुई थी उनकी जांच की। जिन व्यक्तियों के नाम से खाते थे उनमें महेश पिता रमेशकुमार फतेचंदानी, मयंक पिता मनोह कुमार सेन, यश अग्रवाल पिता मुकेश अग्रवाल को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई।
उक्त लोगों ने पुलिस को बताया कि हमारे खाते में जो राशि आई थी उसमें से 2 प्रतिशत कमीशन काटकर बाकि रुपए सतवीर पिता प्रदीप राजपूत निवासी इंदौर को दिए थे। पुलिस ने सतवीर को भी पकड़ा तो उसने कहा कि उसको मिले ऑनलाइन ठगी के रुपए चेतन पिता नरेश सिसौदिया और विशाल को दिए थे जिसके बदले 19500 रुपए कमीशन मिला था। उक्त लोगों ने रुपयों को ऑनलाइन एप्लीकेशन बायनेंस के वॉलेट पर यूएसडीटी करंसी में कनवर्ट कर अन्य लोगों को भेजा था।
पुलिस ने होल्ड करवाए रुपए
गिरफ्त में आए सायबर ठगों की जानकारी के बाद पुलिस ने 71 लाख रुपए में से 23 लाख रुपए यश बैंक में होल्ड करवा दिए, जबकि अन्य खातों में ट्रांसफर हुए रुपयों की जांच शुरू की। मामले की जांच कर रहे एसआई सुरेश कनेश ने बताया कि सायबर ठगों को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश कर रिमाण्ड पर लिया गया। अब उनके साथियों की तलाश की जा रही है।
ऑनलाइन कॉलिंग से संपर्क में रहते हैं
पुलिस के अनुसार सायबर ठग साधारण कॉलिंग का नहीं बल्कि ऑनलाइन कॉलिंग का उपयोग करते हैं जिससे इनकी बातचीत रिकार्डिंग भी नहीं हो पाती। अब तक पकड़ाए 4 आरोपियों से पूछताछ के बाद उनके साथियों को उन्हीं के मोबाइल से कॉल करवाए गए लेकिन बदमाशों ने उनके कॉल भी रिसीव नहीं किए। जहां रहते थे वहां से अपने स्थान भी बदल लिए हैं ऐसे में पुलिस टीम को फरार बदमाशों को पकड़ने में परेशानी आ रही है।