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सूर्य और चंद्रमा पर दो-दो बार लगेगा ग्रहण

14 मार्च को होगा साल का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण, चार में से एक ही देख सकेंगे

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। नए साल में चार ग्रहण लगने जा रहे हैं जिसमें से 2 सूर्य और 2 चंद्रग्रहण होंगे। इसमें से एक ही ग्रहण भारत में दिखाई देगा। ग्रहण खगोलीय घटना है जिसका आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही क्षेत्र में काफी महत्व है। शास्त्रों में ग्रहण के दौरान होने वाली घटनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है और इसका धार्मिक पहलू भी बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार राहु और केतु के प्रभाव की वजह से सूर्य और चंद्रमा पर ग्रहण लगता है। ग्रहण की अवधि में धर्म-कर्म के काम करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

14 मार्च को पहला पूर्ण चंद्रग्रहण
वर्ष का प्रथम ग्रहण 14 मार्च को पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। जिसकी शुरुआत सुबह १०.३९ बजे होगी। मध्य की स्थिति दोपहर १२.२९ बजे होगी। इस समय चंद्रमा का 118.3 प्रतिशत भाग ढंका होगा। मोक्ष की स्थिति दोपहर 2.१८ बजे होगी। इस समय भारत में दिन होने के कारण यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा। यह ग्रहण अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका, उत्तरी-दक्षिणी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा।

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29 मार्च को दूसरा आंशिक सूर्यग्रहण
दूसरा ग्रहण 29 मार्च को होगा। भारतीय समय के अनुसार इसकी शुरुआत दोपहर २.२० बजे होगी। मध्य की स्थिति दोपहर 4.17 बजे होगी। इस दौरान सूर्य का 93.7 प्रतिशत भाग ढंका होगा। मोक्ष की स्थिति शाम 6.13 बजे पर होगी। यह ग्रहण भी भारत में नहीं दिखेगा। इसे उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, उत्तरी अटलांटिक महासागर, यूरोप व उत्तर-पश्चिम रश्यिा में देखा जा सकेगा।

7-8 सितंबर को तीसरा पूर्ण चंद्रग्रहण
तीसरा पूर्ण चंद्रग्रहण 7-8 सितंबर को होगा। इसका प्रारंभ ७ सितंबर को रात 9.५६ बजे होगा। मध्य की स्थिति रात ११.४१ बजे होगी। चंद्रमा का 136.8 प्रतिशत भाग इस वक्त ढंका होगा। मोक्ष की स्थिति 8 सितंबर को मध्यरात्रि 1.26 बजे होगी। यह ग्रहण भारत में देखा जा सकेगा। इसके अलावा अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर ऑस्ट्रेलिया, एशिया, हिंद महासागर और यूरोप में भी देखा जा सकेगा।

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21-22 को चौथा आंशिक सूर्यग्रहण
साल का आखिरी आंशिक सूर्यग्रहण २१ एवं २२ सितंबर को होगा। इसकी शुरुआत २१ सितंबर को रात १०.५९ बजे होगी। मध्य की स्थिति 22 सितंबर को मध्य रात्रि 1.11 बजे होगी। इस दौरान सूर्य का 85.5 प्रतिशत भाग ढंका होगा। मोक्ष की स्थिति मध्य रात्रि 3.23 बजे होगी। इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा। न्यूजीलैंड, पूर्वी मलेशिया, दक्षिणी पोलिनेशिया व पश्चिमी अंटार्कटिका में इसे देखा जा सकेगा।

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