विक्रम विवि के विद्यार्थी प्रयागराज महाकुंभ में सीखेंगे मैनेजमेंट

By AV News

50 स्वयंसेवकों की पहली ट्रिप कल रवाना होगी

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थी प्रयागराज महाकुंभ में मैनेजमेंट सीखेंगे। इस प्रबंधन को वह सिंहस्थ 2028 में लागू करेंगे। विवि के 50 स्वयंसेवकों की पहली ट्रिप बुधवार को उज्जैन से रवाना होगी। चार ट्रिप में बारी-बारी से 200 विद्यार्थी जाएंगे। सोमवार को कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने पहले जत्थे के स्वयंसेवकों से विवि रेस्ट हाउस में चर्चा की।

प्रयागराज में महाकुंभ १३ जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। गंगा-यमुना और लुप्त सरस्वती के तट पर यह विश्व का सबसे बड़ा मेला होगा। एक अनुमान के मुताबिक पचास दिन के मेले में करीब 50 करोड़ श्रद्धालु पवित्र नदियों में डुबकी लगाएंगे और कल्पवास करेंगे।

पौष और माघ की कड़ाके की ठंड में छह शाही स्नान तय किए गए हैं। इसकी शुरुआत पौष पूर्णिमा यानी 13 जनवरी से होगी। सबसे ज्यादा भीड़ 29 जनवरी को मौनी अमावस्या और 26 फरवरी महाशिवरात्रि के दिन होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि इन तिथियों पर करीब 20 करोड़ लोग स्नान करने पहुंचेंगे। ऐसे में इतनी भीड़ का मैनजमेंट अपने आप में एक बड़ी केस स्टडी रहेगा। इसकी तैयारी उज्जैन में भी की जा रही है, क्योंकि उज्जैन में 2028 में सिंहस्थ आएगा। प्रशासन और पुलिस के साथ इस बार विक्रम विश्वविद्यालय भी स्टडी टूर पर अपने विद्यार्थी भेजने जा रहा है।

चार ट्रिप में जाएंगे 200 विद्यार्थी

विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन ने महाकुंभ की तैयारी, व्यवस्था और मैनजमेंट के अध्ययन के लिए 200 विद्यार्थियों का चयन किया है। इनमें से अधिकतर विद्यार्थी प्रथम वर्ष के हैं। प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को चुनने का कारण एकदम साफ है, क्योंकि 2028 के सिंहस्थ तक यह विद्यार्थी फाइनल ईयर में होंगे। ऐसे में प्रयागराज में की गई इनकी स्टडी उस वक्त काफी काम आएगी।

हर ट्रिप में जाएंगे 50-50 विद्यार्थी
हर ट्रिप में 50-50 विद्यार्थी जाएंगे। इनको लाने ले जाने का इंतजाम विक्रम विश्वविद्यालय कर रहा है। इनके खाने-ठहरने की व्यवस्था नईदिल्ली के शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने की है। पहली ट्रिप 8 जनवरी को बस से रवाना होगी और 18 जनवरी को लौटेगी। दूसरी ट्रिप 17 जनवरी को जाएगी। इसी तरह तीसरी और चौथी ट्रिप रवाना होगी। यह विद्यार्थी वहां व्यवस्थाओं को देखेंगे। इनके अनुभव सिंहस्थ 2028 में काम आएंगे।
प्रो. अर्पण भारद्वाज, कुलगुरु विक्रम विश्वविद्यालय

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