क्लोरीन सिलेंडर सप्लाय के टेंडर में ठेकेदारों ने हाथ खड़े कर दिए

शहर के लोगों को पीना पड़ेगा टेबलेट्स का पानी

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अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। यदि आप पीएचई द्वारा नलों से सप्लाय किए जाने वाला पानी पीने के उपयोग में ले रहे हैं तो सावधान हो जाएं। हो सकता है यह पानी कीटाणुयुक्त हो और आपको अस्पताल पहुंचा दे। कारण यह कि पीएचई द्वारा पानी के कीटाणु मारने के लिए क्लोरीन सिलेंडरों का उपयोग नहीं किया जा रहा। टेंडर निकाले तो किसी भी ठेकेदार ने उसमें भाग नहीं लिया। अब भी लोगों को क्लोरीन टेबलेट से साफ किया पानी सप्लाय किया जा रहा है।

प्लांट्स में ऐसे होता है पानी फिल्टर

पीएचई द्वारा शहर में जो पेयजल नलों में सप्लाय किया जाता है उसे फिल्टर करने के लिए प्रोसेस अपनाई जाती है। जिसके बाद ही पानी पीने योग्य बनता है। पीएचई के केमिस्ट हीरासिंह बताते हैं कि फिल्टर प्लांट्स पर नदी, तालाब से पेयजल के उपयोग में लिए जाने वाले पानी को पहले एलम, ब्लिचिंग, पीएससी से साफ किया जाता है। उसके बाद सिलेंडर में भरे लिक्विड क्लोरीन को निश्चित मात्रा में पानी में मिलाकर कीटाणु रहित किया जाता है। उसके बाद ही घरों तक पीने का पानी पहुंचाया जाता है। पीएचई वर्तमान में गंभीर डेम, उण्डासा, साहेबखेड़ी और गऊघाट जलयंत्रालय में पानी फिल्टर कर शहर में जलप्रदाय कर रहा है।

इमरजेंसी में उपयोग होती है क्लोरीन टेबलेट्स

पानी के कीटाणु मारने के लिए उपयोग किए जाने वाले क्लोरीन सिलेंडर का सप्लाय ठेकेदार ने पिछले 3 माह से बंद कर दिया है। पीएचई के पास जो स्टॉक में सिलेंडर रखे थे वह भी खत्म हो गए। ऐसी स्थिति में इमरजेंसी में उपयोग की जाने वाली क्लोरीन टेबलेट्स को पानी में मिलाकर शहर में जलप्रदाय किया जा रहा है, जबकि लिक्विड क्लोरीन के मुकाबले टेबलेट्स पानी के कीटाणु मारने में उपयोगी साबित नहीं होती।

पुराने का पेमेंट नहीं नए को भरोसा नहीं

पीएचई से मिली जानकारी के अनुसार जो ठेकेदार क्लोरीन सिलेंडर सप्लाय करता था उसको विभाग द्वारा चार माह से भुगतान नहीं किया गया। उसके द्वारा अफसरों को बार-बार निवेदन कर अपने 5 लाख रुपए के भुगतान की मांग भी की गई लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। इससे नाराज होकर ठेकेदार ने सिलेंडर सप्लाय बंद कर दिया। पीएचई अफसरों ने नए ठेकेदार को टेंडर देने का मन बनाया और 10 जनवरी को टेंडर आमंत्रित किए लेकिन किसी भी ठेकेदार ने क्लोरीन सिलेंडर सप्लाय में रूचि नहीं दिखाई क्योंकि पीएचई द्वारा भुगतान में की जाने वाली लापरवाही से ठेकेदारों का भरोसा उठ गया है।

कीटाणु युक्त पानी पीना सेहत के लिए हानिकारक

यदि शहर में कीटाणु युक्त पेयजल सप्लाय हो रहा है तो इसका सेवन लोगों के लिए हानिकारक है। नलों से सप्लाय किए जाने वाले पानी को विधिवत तरीके से फिल्टर कर उसके कीटाणु नष्ट किए जाना आवश्यक है। इंफेक्टेड पानी पीने से लोग उल्टी, दस्त, पीलिया, टायफायड जैसी बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं। यदि पीएचई द्वारा ऐसा पानी सप्लाय किया जा रहा है तो आमजन एक बार पानी की जांच अवश्य कराएं।

डॉ. जितेन्द्र शर्मा, मेडिकल ऑफिसर सिविल अस्पताल

इस संबंध में गऊघाट फिल्टर प्लांट प्रभारी दिलीप नौघाने ने चर्चा में बताया कि पीएचई द्वारा क्लोरिन सिलेंडर के लिए निकाले गए टेंडर में कितने ठेकेदारों ने भाग लिया इसकी जानकारी नहीं है। ऑनलाइन प्रक्रिया की जानकारी दो दिन बाद मिलती है।

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