महाकालेश्वर मंदिर में हुए भ्रष्टाचार का आरोपी रिपोर्ट मिलते ही सकते में आया
अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। भैरवगढ़ स्थित केंद्रीय जेल में 10 दिन से विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर चल रहा है। इसमें कैदियों, विचाराधीन कैदियों और बंदियों की रक्त संबंधी सभी जांच की जा रही हैं।
जब 1500 कैदियों की जांच हो गई तब पता चला कि महाकाल मंदिर में भ्रष्टाचार करके आया एक आरोपी एड्स पीड़ित है। उसे तत्काल अलग बैरक में शिफ्ट किया गया। चूंकि आरोपी मंदिर समिति से जुड़ा हुआ है इसलिए जिला प्रशासन को भी इसकी सूचना दी गई। बात बाहर गई और सोशल मीडिया पर इस खबर ने सुर्खियां बंटोर ली। साथ ही अन्य जिम्मेदारों की कलाई भी खुल गई। अभी तक यह पता नहीं चला है कि आरोपी को यह रोग कब से है। बताया जाता है कि वह स्वयं अपनी जांच से सकते में है। जेल अधीक्षक मनोज साहू ने अक्षर विश्व को बताया कि जेल प्रशासन के निर्देश पर भैरवगढ़ जेल में पिछले 10 दिनों से जांच शिविर चल रहा है।
इसमें एड्स, टीबी, हेपेटाइटिस, हीमोग्लोबिन, शुगर तथा रक्त संबंधी सभी प्रकार की बीमारियों की जांच की जा रही है। अब तक करीब 1500 कैदियों की जांच पूरी हो चुकी है। इसी जांच में यह पता चला कि मंदिर समिति में जिस कर्मचारी ने भ्रष्टाचार किया है उसे एड्स है। डॉक्टर ने उसका उपचार किया और जेल प्रशासन ने उसे अलग बैरक में शिफ्ट कर दिया है। जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल में पहले से ही 20 एड्स पीड़ित बंदी हैं। जिनका विधिवत इलाज चल रहा है।
50 मेंटल और 3 टीबी के मरीज
जेल अधीक्षक ने बताया कि यह तो विशेष जांच शिविर है इसके अलावा जेल प्रशासन द्वारा समय समय पर बंदियों के लिए जांच शिविर लगाए जाते हैं। उन्हीं की रिपोर्ट में से पता चला कि 50 बंदी ऐसे हैं जो मेंटल हैं। इनके लिए जेल में अलग बैरक बनाई गई है। 3 बंदी टीबी के मरीज हैं। इनको सामान्य बंदियों से अलग रखकर उपचार दिया जाता है। जो एड्स मरीज मिला है उसका रजिस्ट्रेशन भी किया गया है।
परिवार भी जांच के घेरे में
जब से एड्स पीड़ित की खबर बाहर आई है तब से अधिकारियों के होश भी उड़े हुए हैं क्योंकि पीड़ित को भी पता नहीं था कि उसे एड्स की बीमारी है। वह अब तक सामान्य लोगों की तरह जीवन जी रहा था। अब उसके परिवार के लोगों की भी जांच कराई जाएगी। जेल अधीक्षक साहू ने बताया कि एड्स पॉजिटिव मिला रोगी अपनी जांच रिपोर्ट देखकर सकते में आ गया है। उसे परिवार की चिंता हो रही है।
मंदिर में क्या जांच नहीं होती?
महाकाल मंदिर में कर्मचारियों की फौज है। मंदिर समिति की ओर से मानसरोवर में अस्पताल है। पैरा मेडिकल स्टॉफ है। क्या यहां कर्मचारियों की जांच नहीं होती है? यदि होती है तो पता क्यों नहीं चला? अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि उस आरोपी को यह बीमारी कब से है। मंदिर का स्टॉफ क्या सिर्फ सर्दी-खांसी और बदन दर्द का ही इलाज कर रहा है। यहां नियुक्त डॉक्टर क्या कर रहे हैं।
महाकाल मंदिर में जांच शिविर लगाएंगे
महाकाल मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल का कहना है कि हमें भी यह जानकारी मिली है कि जेल में जो आरोपी बंद है उसे एड्स है। मंदिर में अस्पताल है। डॉ. परमार के नेतृत्व में मेडिकल टीम जांच करती है। यहां यह बीमारी पता क्यों नहीं चली, यह जांच का विषय है। प्रभारी प्रशासक अनुकूल जैन से बात कर कर्मचारियों के स्वास्थ्य के लिए जांच शिविर लगाएंगे। रहा सवाल क्रिस्टल कंपनी का तो उनसे कर्मचारियों का मेडिकल सार्टिफिकेट लिया जाता है।