शिप्रा नदी को निर्मल करने का 300 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट फिलहाल रुका

भूमिपूजन के बाद शुरू हो सकेगा काम

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४७५ किलोमीटर लंबी पाइप लाइन जमीन के अंदर बिछाई जाएगी….

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सिंहस्थ से पहले उज्जैन की शिप्रा नदी को गंदे नालों के पानी से पूरी तरह मुक्त कर निर्मल बनाने का प्रोजेक्ट फिलहाल रुक गया है। करीब 300 करोड़ रुपए की योजना को धरातल पर लाने के लिए ठेका दिया जा चुका है और कंपनी को वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है, लेकिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के हाथों से इसका भूमिपूजन नहीं कराया जा सका। अब

मुख्यमंत्री के अगले उज्जैन दौरे में इसका भूमिपूजन होने की संभावना है।
सिंहस्थ से पहले शिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त कर निर्मल बनाने के लिए सरकार पूरी ताकत से जुटी हुई है। मध्यप्रदेश सरकार ने इसके लिए अपना खजाना भी खोल दिया है। सरकार इस योजना के लिए सौ करोड़ रुपयों से अधिक राशि इसमें सिंहस्थ योजना से देगी। इससे 475 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन जमीन के अंदर बिछाई जाएगी जिससे शिप्रा नदी में गंदा और प्रदूषित पानी मिल नहीं सकेगा।

वर्तमान में टाटा प्रोजेक्ट द्वारा शहरी क्षेत्र में सीवरेज लाइन बिछाई जा रही है लेकिन दक्षिण क्षेत्र के कई हिस्से इस योजना से छूट गए थे, जिससे शिप्रा नदी प्रदूषित पानी से मुक्त नहीं हो पा रही थी। इसलिए केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत प्रोजेक्ट बनाया गया। प्रोजेक्ट के लिए 278 करोड़ रुपए अमृत योजना से मंजूर किए गए हैं। 198 करोड़ रुपए सिंहस्थ योजना से राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर स्वीकृत किए हैं।

दक्षिण क्षेत्र के हिस्सों में डाली जाएगी लाइन, एसटीपी प्लांट लगेगा

पीएचई के कार्यपालन यंत्री एनके भास्कर ने बताया योजना के तहत 475 किमी लंबी लाइन डाली जाएगी और टाटा प्रोजेक्ट से दक्षिण क्षेत्र में मक्सी रोड, नागझिरी आदि वार्ड जो छूट गए हैं, उनको इसमें जोड़ा गया है। इससे गंदा और प्रदूषित पानी शिप्रा नदी में नहीं जाएगा। योजना के तहत 8 एमएलडी क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किया जाएगा।

वर्कऑर्डर भी दे चुके
शिप्रा नदी को निर्मल बनाने के लिए सिवरेज प्रोजेक्ट तैयार है। इसका वर्क ऑर्डर जारी किया जा चुका है।
प्रकाश शर्मा, प्रभारी जलकार्य समिति

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