मांसपेशियों में ऐंठन को मांसपेशियों का फडक़ना भी कहा जाता है। आपने कई बार नोटिस किया होगा कि मांसपेशियों में अचानक एक हलचल होती है, जो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। कभी-कभी ऐसा होना सामान्य है लेकिन अगर यह बार-बार या लगातार होती है, तो यह किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।
मांसपेशियों में ऐंठन के कई लक्षण हैं जिनमें मांसपेशियों में कमजोरी या संतुलन खोना, झनझनाहट या सुन्नपन महसूस होना, लगातार मांसपेशियों में खिंचाव या कठोरता, बोलने, निगलने या सांस लेने में कठिनाई, ऐंठन का कई मांसपेशी समूहों में फैलना. इन लक्षणों पर नजर रखना जरूरी है।
मांसपेशियों का फडक़ना शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है लेकिन सबसे ज्यादा पलकों, बाजुओं, पैरों, उंगलियों और पैरों के तलवों में महसूस होता है। ऐसा होने आर दर्द नहीं होता है लेकिन बार-बार होने पर कोई भी परेशान हो सकता है।
कैफीन आदि का ज्यादा सेवन
ज्यादा चाय, कॉफी, निकोटीन या अन्य ऐसे ही पदार्थों का अधिक सेवन करने से तंत्रिका तंत्र को अधिक उत्तेजित हो सकता है, जिससे ऐंठन बढ़ सकती है। इन पदार्थों की खपत कम करने से लक्षण कम हो सकते हैं।
तनाव और चिंता
अत्यधिक तनाव या चिंता से नर्वस सिस्टम ज्यादा सक्रिय हो जाता है, जिससे मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है। यह अक्सर पलकों या चेहरे में अधिक महसूस होता है।
पानी की कमी
मांसपेशियों के सही ढंग से काम करने के लिए पोटैशियम, कैल्शियम, सोडियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स की जरूरत होती है। पानी की कमी या मिनरल्स की गड़बड़ी से ऐंठन और मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है।
नींद की कमी
पर्याप्त नींद नहीं लेने से तंत्रिका तंत्र असंतुलित हो सकता है, जिससे मांसपेशियों में झटके या ऐंठन हो सकती है। इसके अलावा ज्यादा कसरत या बार-बार एक ही मांसपेशी का इस्तेमाल करने से मांसपेशियां थक जाती हैं और उनमें ऐंठन होने लगती है। इनके अलावा अगर शरीर में मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटैशियम और विटामिन क्च की कमी हो, तो मांसपेशियों में ऐंठन की संभावना बढ़ जाती है।
मांसपेशियों की ऐंठन को रोकने और ठीक करने के उपाय
रोजाना फिजिकल एक्टिविटी करें, रोजाना कम से कम 30 मिनट पैदल चलें
दिन में कम से कम तीन लीटर पानी पिएं
कैफीन, चाय, एनर्जी ड्रिंक्स और निकोटीन का सेवन सीमित करें।
रोजना एक्सरसाइज जरूर करें