सिंहस्थ मेला प्राधिकरण का होगा पुनर्गठन

सीएस की बैठक में निर्णय होने की संभावना
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को लेकर मध्यप्रदेश सरकार ने पूरा फोकस कर लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद तैयारियों पर नजर रखे हुए हैं। इसी क्रम में सिंहस्थ मेला प्राधिकरण को एक्टिव मोड में लाने की कवायद की जा रही है। इस बार सिंहस्थ के दौरान उज्जैन शहर का सुंदर नज़ारा दिखाई देगा। प्रयागराज महाकुंभ की तरह उज्जैन में 30 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।
सिंहस्थ में इस बार सरकार बेहतर व्यवस्थाएं जुटाने पर ताकत लगा रही है। विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खजाना खोल दिया है। करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट इस बार समय से पहले ही मंजूर कर दिए गए हैं। सबसे बड़ा काम इस बार स्थाई कुंभ नगरी विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही सिंहस्थ मेला प्राधिकरण को एक्टिव मोड में लाने का काम किया जा रहा है। मेला प्राधिकरण कार्यालय अभी एक कमरे में ही सिमटकर रह गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने चिंता जताई है। इस पर प्रशासनिक मशीनरी सक्रिय हो गई है। सूत्रों के अनुसार सिंहस्थ मेला प्राधिकरण को नए सिरे से बनाने की तैयारी तेज कर दी गई है। 15 अप्रैल को भोपाल में सीएस अनुराग जैन द्वारा बुलाई गई बैठक में इसको लेकर भी प्रस्ताव पर निर्णय किया जा सकता है। बैठक में उज्जैन सहित इंदौर, देवास और धार में की जा रही तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। स्थाई कुंभ नगरी को लेकर भी निर्णय लिए जाएंगे ताकि योजना को जल्द धरातल पर उतारा जा सके। शनिवार को इस सिलसिले में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने यूडीए द्वारा की जा रही तैयारियां जानीं और जरूरी निर्देश दिए।
सिंहस्थ मेला प्राधिकरण को नया स्वरूप देने की तैयारी
वर्तमान में सिंहस्थ मेला प्राधिकरण कार्यालय एक कमरे में सीमित हो गया है। प्राधिकरण के लंबे समय तक अध्यक्ष रहे दिवाकर नातू की जगह किसी नए अध्यक्ष को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। मेला प्राधिकरण को नया रूप देने की तैयारी भी की जा रही है। कलेक्टर नीरजकुमार सिंह के अनुसार इसकी अभी तैयारी चल रही है।