पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले इंदौर के सुशील नथानियल का अंतिम संस्कार जूनी इंदौर कब्रिस्तान में ईसाई रीति रिवाज से किया गया। यहां परिजन, रिश्तेदार और दोस्तों के अलावा मंत्री तुलसी सिलावट, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव समेत कई लोग मौजूद रहे।इससे पहले सुशील की अंतिम यात्रा वीणा नगर स्थित उनके घर B 68 से शुरू हुई। पार्थिव शरीर विशेष वाहन में नंदा नगर चर्च पहुंचाया गया। यहां प्रार्थना के बाद कब्रिस्तान के लिए रवाना हुआ।
अंतिम यात्रा से पहले सुशील के घर पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। पत्नी जेनिफर उनके ताबूत से लिपटकर रोईं। पिता बदहवास नजर आए। सुशील की छोटी बुआ इंदु डावर की आंखों से आंसू रुक नहीं रहे थे। कांपती आवाज में बस एक ही सवाल बार-बार पूछ रही थीं, ‘अब किसका इंतजार करूंगी मैं, बता मुझे।’ ये दृश्य देखकर मौके पर मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं।बेटे ऑगस्टिन ने बताया कि आतंकवादी कैमरे लगाकर आए थे और सेल्फी ले रहे थे।
सुशील आलीराजपुर स्थित एलआईसी की सैटेलाइट शाखा में पदस्थ थे। वे 21 वर्षीय बेटे ऑस्टिन गोल्डी, 30 वर्षीय बेटी आकांक्षा और पत्नी जेनिफर के साथ 18 अप्रैल को कश्मीर गए थे। 22 अप्रैल की दोपहर करीब 2.45 बजे पहलगाम की बैसारन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर फायरिंग की, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई। इनमें सुशील भी शामिल थे। बेटी आकांक्षा को पैर में गोली लगी थी।सुशील की पत्नी जेनिफर खातीपुरा के सरकारी स्कूल में टीचर हैं। आकांक्षा सूरत में बैंक ऑफ बड़ौदा में फर्स्ट क्लास ऑफिसर जबकि ऑस्टिन बैडमिंटन खिलाड़ी है। परिवार मूल रूप से जोबट का रहने वाला है।