अक्षय फल देने वाली तृतीया कल, आज शाम 5.32 बजे से शुरू होगी
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। भारतीय कालगणना के अनुसार वैशास मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया अक्षय तृतीया के रूप में मनाई जाती है जो इस बार ३० अप्रैल को है। इस बार रोहिणी नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि और शोभन योग का शुभ संयोग रहेगा जिससे यह दिन मांगलिक कार्यों के साथ खरीदारी के लिए भी शुभ रहेगा। इस दिन प्रॉपर्टी, गहने, वाहन, कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद खरीदना लाभदायक रहेगा।
दरअसल, अक्षय तृतीया अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन कोई दूसरा मुहूर्त ना देखकर स्वयंसिद्ध शुभ मुहूर्त में विवाह समारोह किए जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन किए जाने वाले विवाह अक्षय होते हैं। साथ ही सभी शुभ कर्मों का फल अक्षय हो जाता है। जिसके चलते लोग इस दिन धन-संपत्ति एवं वाहनों की खरीदारी करते हैं तो कई जोड़े वैवाहिक बंधन में बंधने के लिए इस दिन की प्रतीक्षा करते हैं।
दिनभर सर्वार्थ सिद्धि योग
ज्योतिष गणना के मुताबिक २९ अप्रैल की शाम ५.३२ बजे से तृतीया तिथि लगेगी जो दूसरे दिन ३० अप्रैल को दोपहर २.१३ बजे तक रहेगी। चूंकि, उदयातिथि को ही त्यौहार मनाने की परंपरा है इसलिए अक्षय तृतीया ३० अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन सुबह से रोहिणी नक्षत्र के साथ दिनभर सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। दोपहर १२.०२ बजे तक शोभन योग भी प्राप्त होगा।
जो कभी क्षय ना हो वह अक्षय
अक्षय का अर्थ है जिसका कभी शय ना हो, जो स्थायी रहे। अक्षय तृतीया के दिन किया गया दान, पूजन, हवन सहित हर पुण्य काम अक्षय फल देता है। कोई भी शुभ काम और नई शुरुआत के लिए इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है।
समृद्धि का प्रतीक सोना
अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। सनातन धर्म में पीली धातु सोने को सबसे पवित्र और अक्षय माना जाता है इसीलिए अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी की परंपरा है। इस दिन इनकी खरीदारी को सौभाग्य की प्राप्ति के रूप में देखा जाता है।
उच्च राशियों में होंगे सभी ग्रह
ज्योतिषियों की मानें तो इस बार अक्षय तृतीया पर सूर्य, चंद्र, शुक्र जैसे महत्वपूर्ण ग्रह अपनी उच्च राशियों में विराजमान रहेंगे। सूर्य मेष राशि पर, शुक्र मीन राशि पर तथा चंद्रमा वृषभ राशि पर उच्च के होंगे। इतना शुभ संयोग दशकों के बाद बनता दिखाई दे रहा है।