डिजिटल युग की मीडिया चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए नई पीढ़ी को आगे आना होगा : राठौर

उज्जैन। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सतत शिक्षा अध्ययनशाला के सभागार में विशिष्ट परिसंवाद स्वतंत्र पत्रकारिता आजकल एवं विकसित भारत 2047 के परिपेक्ष्य में आयोजित किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में विक्रम विश्वविद्यालय कार्य परिषद सदस्य राजेश सिंह कुशवाह ने प्रेस स्वतंत्रता के महत्व को प्रतिपादित करते हुए मीडिया पेशेवरों की महती भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने युवाओं से कहा कि अब युवाओं को पत्रकारिता पेशे से जुडऩे का समय आ गया है।

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विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने वर्तमान पत्रकारिता को समाज सेवा एवं कैरियर संवर्धक पेशे की संयुक्त चुनौतियों से दृढ़ संकल्पित होकर निपटने में सक्षम बताया। संभागीय जनसंपर्क कार्यालय उज्जैन के उपसंचालक अरुण कुमार राठौर ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने रोचक उद्बोधन में विकसित भारत 2047 की संकल्पना को दोहराते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे उभरते हुए डिजिटल युग की मीडिया चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए नई पीढ़ी को मानसिक रूप से एवं भावनात्मक रूप से अपने विचारों के अपडेशन तथा राष्ट्रवादी शक्तियों को मजबूती एवं प्रखरता के साथ प्रस्तुत करने की आवश्यकता प्रतिपादित की।

डॉ. रमन सोलंकी पुरातत्व अधिकारी विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन ने विशिष्ट अतिथि उद्बोधन में बताया कि मीडिया को वैश्विक स्तर पर स्वतंत्रता की सीमाओं स्वतंत्रता की आजादी एवं स्थिति की समीक्षा निरंतर करते रहना चाहिए ताकि नागरिकों, जनमानस भी अपनी भावनाओं को उचित रूप से संप्रेषित कर सके। इस अवसर पर डॉ धर्मेंद्र मेहता, डॉ सुशील शर्मा, डॉ अजय शर्मा, विनीत पाल, बालाराम परमार, विनोद जूवारिया, अतुल मेहता, दीक्षा कुशवाह, शांभवी खेर, खुशबू परमार, गौरव सोनी आदि शोधार्थी, विद्यार्थी उपस्थित थे।

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