वेधशाला में दिखा अद्भुत नजारा दोपहर में परछाई गायब, शहरवासी बने साक्षी

बड़ी संख्या में शहरवासी इस खगोलीय घटना के साक्षी बने

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। शनिवार को यंत्रमहल मार्ग स्थित शासकीय जीवाजी वेधशाला में अद्भुत खगोलीय घटना हुई जहां दोपहर १२.२८ बजे सूर्य के कर्क रेखा पर लंबवत होने के कारण परछाई कुछ देर के लिए गायब हो गई। खास बात यह रही कि सुबह से आसमान में घने काले बादल छाए थे और बारिश भी हुई लेकिन दोपहर में अचानक बादल छंट गए और धूप खिल गई। शहरवासी भी इस घटना के साक्षी बने। वेधशाला से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक बच्चों और युवाओं सहित १५६ लोगों ने शंकू यंत्र से इस घटना को प्रत्यक्ष देखा।

शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्त ने बताया कि पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर घूमने (परिक्रमण) के कारण सूर्य हमें कर्क रेखा से मकर रेखा के बीच गति करता दिखाई देता है। परिक्रमण पथ की स्थिति में सूर्य शनिवार को उत्तरी गोलाद्र्ध में कर्क रेखा पर लंबवत रहा और सूर्य की क्रांति 23 अंश 26 कला 17 विकला उत्तरा रही। उज्जैन कर्क रेखा के नजदीक स्थित है इसलिए स्थानीय समय दोपहर 12 बजे (भारतीय मानक समय 12.28 बजे) पर सूर्य, कर्क रेखा पर लंबवत होने से परछाई कुछ समय के लिए शून्य हो गई।

बारिश के बावजूद पहुंचे शहरवासी

इस खगोलीय घटना के साक्षी बनने के लिए सुबह हुई बारिश के बावजूद दोपहर में बड़ी संख्या में शहरवासी पहुंचे। उन्होंने अपने सामने शंकू यंत्र से परछाई गायब होते देखी। खास बात यह रही कि जिस समय यह घटना हुई उस वक्त धूप निकल आई।

लोगों को दी जानकारी

वेधशाला पहुंचने वाले लोगों को अधीक्षक डॉ. गुप्त के अलावा तारामंडल संचालक डॉ. गिरवर शर्मा ने जानकारी दी। दोनों ने समझाया कि किस कारण से परछाई गायब होती है।

13 घंटे 34 मिनट का दिन… सूर्य अपने अधिकतम उत्तरी बिंदु कर्क रेखा पर होने से उत्तरी गोलाद्र्ध में शनिवार को दिन सबसे बड़ा यानी 13 घंटे 34 मिनट और रात 10 घंटे 26 मिनट की रही। रविवार से सूर्य की गति दक्षिण की ओर दृष्टिगोचर हो गई जिसे दक्षिणायन का प्रारंभ कहते हंै। इससे उत्तरी गोलाद्र्ध में दिन अब धीरे-धीरे छोटे होंगे। 23 सितंबर को दिन-रात बराबर होंगे।

Related Articles