शिप्रा में डूब रही थी जिंदगी, देवदूत बनकर पहुंचे जवान ने बचाई जान

दत्तअखाड़ा घाट की घटना, इंदौर से उज्जैन दर्शन करने आए थे तीन दोस्त
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उज्जैन। जाको राखे सांईया मार सके ना कोय… यह पंक्ति रविवार को उस समय सच साबित हो गई जब शिप्रा में डूब रहे युवक को एसडीआरएफ के जवान ने देवदूत बनकर बचा लिया। युवक अपने दोस्तों के साथ भगवान महाकाल के दर्शन और उज्जैन घूमने के लिए आया था।
दरअसल, रविवार को इंदौर के पाटनीपुरा का रहने वाला योगेश पिता जनक गोलिया (१९) अपने दो दोस्तों के साथ भगवान महाकाल के दर्शन करने और उज्जैन घूमने के लिए आया था। शाम करीब ६ बजे तीनों दोस्त दत्तअखाड़ा घाट पर नहा रहे थे तभी योगेश अचानक से गहरे पानी में चला गया और देखते ही देखते डूबने लगा। उसे नदी में छटपटाता देख साथ में नहा रहे दोनों दोस्त घबरा गए और शोर मचाया। इसी बीच ड्यूटी पर तैनात एसडीईआरएफ जवान रूपसिंह भाटी वहां पहुंचे और नदी छलांग लगा दी। कुछ ही समय में वह योगेश को सुरक्षित बाहर निकाल लाए। इसके बाद तीनों दोस्तों ने उन्हें धन्यवाद दिया और वहां से रवाना हो गए।
कई बार हो चुके हादसे
शिप्रा में श्रद्धालुओं को डूबने से बचाने का यह नया मामला नहीं है। इससे पहले भी कई श्रद्धालुओं के साथ इस तरह के हादसे हो चुके हैं जिन्हें समय रहते जवानों ने बचाया है। इसके अलावा कई हादसों में श्रद्धालु अपनी जान भी गंवा चुके हैं।