ऐसे बच्चे बनते हैं अधिक डिसिप्लिन और कॉन्फिडेंट

बच्चों को पालना, उनकी परवरिश करना कोई आसान काम नहीं है। बच्चे को हेल्दी, सुरक्षित, शिक्षित और एक अच्छा इंसान बनाने के लिए मां-बाप को एक-एक कदम बहुत सोच-समझकर रखना पड़ता है, क्योंकि पेरेंट्स ही अपने बच्चे के पहले टीचर होते हैं। ऐसे में जो वो सिखाते हैं, बताते हैं बच्चे वैसा बिहेव करते हैं।

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हर व्यक्ति का अपने बच्चों को पालने का ढंग अलग होता है। लेकिन पेरेंटिंग स्टाइल कोई सा भी हो, हर मां-बाप की सोच एक रहती है कि उनका बच्चा सभी तरह से अच्छे से ग्रो करे। हालांकि आप किस तरह बच्चों से पेश आते हैं वो उनके आज और कल को शेप करने में अहम भूमिका निभाता है।

अब अमेरिकी पेरेंट्स को ही ले लीजिए। उनका अपने बच्चों को पालने का अंदाज काफी अलग है। वैसे तो इस विकसित देश में भी लोग अपने बच्चों की परवरिश के लिए अलग-अलग पेरेंटिंग स्टाइल अपनाते हैं, लेकिन इनमें से एक बच्चे के विकास के लिए बेहतरीन माना जाता है। आइए जानते हैं क्या है ये पेरेंटिंग स्टाइल और इससे बच्चों को क्या फायदे हो सकते हैं।

अथॉरिटेटिव पेरेंटिंग क्या है
आपको ये नाम पढक़र ऐसा लग रहा होगा कि यह कोई सख्त पेरेंटिंग स्टाइल होगा, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। अथॉरिटेटिव पेरेंटिंग एक ऐसी पालन-पोषण की शैली है जिसमें माता-पिता बच्चों के साथ एक क्लोज, प्यार भरा और सम्मानजनक रिश्ता बनाए रखते हैं। वो अपने बच्चों के लिए स्पष्ट अपेक्षाएं, नियम और गाइडलाइंस निर्धारित करते हैं। साथ ही अपने अनुशासनात्मक नियमों को समझाकर, चर्चा करके और तर्क प्रस्तुत करके बच्चों के व्यवहार को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं।

फैसला लेने की देते हैं आजादी
अधिकारपूर्ण पालन-पोषण की खास बात ये है कि माता-पिता अनुशासन को सजा के बजाय एक सपोर्टिव टूल के रूप में उपयोग करते हैं,ताकि बच्चों को सही दिशा मिल सके। साथ ही इस शैली में पेरेंट्स अपने बच्चों को फैसला लेने की आजादी और अपनी बात रखने का मौका भी देते हैं। इससे पेरेंट्स और बच्चे के बीच एक हेल्दी और सम्मानजनक रिश्ता बना रहता है।

अथॉरिटेटिव पेरेंटिंग स्टाइल की खासियत

 माता-पिता बच्चों की भावनाओं को समझते हैं और संवेदनशीलता दिखाते हैं।

नियमों का कारण समझाते हैं।

संवाद को प्रोत्साहित करते हैं।

बच्चों की स्वतंत्रता को बढ़ावा देते हैं।

प्यार और समर्थन देते हुए सीमाएं तय करते हैं।

बच्चे कॉन्फिडेंट
अधिकारपूर्ण पालन-पोषण बच्चों में आत्मविश्वास और आत्म-नियंत्रण की भावना को प्रोत्साहित करता है। इस शैली में बच्चों को अपने फैसले लेने का अधिकार होता है ऐसे में वो अपने प्रॉब्लम्स का हल खुद निकालने में सक्षम होते हैं। जिससे उनमें कॉन्फिडेंस और आत्मनिर्भरता आती है।

अच्छा प्रदर्शन
इस शैली से पले-बढ़े बच्चे अधिक फोकस होते हैं और लक्ष्य को पाने की इच्छा रखते हैं इसलिए वे अकादमिक रूप से उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पाते हैं।

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