ध्रुपद गायन, ताल कचहरी, कथक से नटराज की आराधना

श्रावण महोत्सव 2025 : महाकाल मंदिर में पहली सांस्कृतिक शाम नृत्य-गायन-वादन से सजी

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के श्रावण महोत्सव की पहली शाम देश के मंजे कलाकारों के सुर-ताल और नृत्य से सजी। धु्रपद गायन, ताल वाद्य और कथक नृत्य की प्रस्तुति से महाकाल का आंगन सांस्कृतिक माहौल में रंग गया।
मंदिर समिति का यह 20 वां श्रावण महोत्सव है। शनिवार शाम 7 बजे त्रिवेणी संग्रहालय के सभागृह में महोत्सव शुरू हुआ। मुख्य अतिथि महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर विनीत गिरी महाराज व निगम सभापति कलावती यादव ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उपप्रशासक एसएन सोनी और सिम्मी यादव ने अतिथियों का स्वागत किया।

शुभारंभ: ध्रुपद गायन में पूजन चली महादेव से
पहली प्रस्तुति चिंतन उपाध्याय वड़ोदरा के धु्रपद गायन से हुई। उन्होंने राग मालकॉस में संक्षिप्त आलाप से शुरुआत की। इसके बाद ध्रुपद वंदिश में पूजन चली महादेव.. सुलताल में शंकर गिरिजापति पेश किया। सुलताल राग शंकरा में ध्रुपद वंदिश प्रथम आदि शिवशक्ति के साथ समापन किया। साथ में पखावज पर संगत प्रताप आवाड़ पुणे ने दी। सहयोगी कलाकार कृष इटालिया और अंकुश चौधरी तानपुरा पर साथ दे रहे थे।

ताल वाद्य कचहरी की रही दूसरी प्रस्तुति
कार्यक्रम में दूसरी प्रस्तुति ताल वाद्य कचहरी की थी। इसमें डॉ. सतीश गोथरवाल के निर्देशन में उज्जैन की पं. विष्णुनारायण भातखंडे कला संस्थान के कलाकारों ने टीमड़ी, मादल, तबला, पखावज, मटकी, नाल, डफ, ढोलक और सारंगी के साथ ताल वाद्य कचहरी पेश की। समूह में मोहरा, उठान, पेशकार, कायदा, बोल, चाला, शिवपरन, कवित्त, सवाल-जबाव व तिहाई की सुंदर प्रस्तुति हुई। डॉ. पंकज पांचाल सारंगी, दक्ष गोथरवाल टीमडी मादल तबला, दिव्यांशु बुंदेल मटकी तबला, शरद सूर्यवंशी तबला, केशव सोलंकी नाल, प्रद्युम्न धरवा डफ और कृष्णा पंवार ढोलक पर साथ दे रहे थे।

समापन मेें नटराज की कथक से आराधना
सावन महोत्सव की अंतिम प्रस्तुति में कथक नृत्य के जरिये नटराज भगवान श्री महाकाल को इंदौर की कार्तिक कला अकादमी की टीम ने नमन किया। सुचित्रा हरमलकर के निर्देशन में शिव स्तुति हुई। इसके बाद जटायु मोक्ष, दशवतार, तराना की प्रस्तुति दी गई। नृत्य कलाकार प्रीति राजगुरू, डॉ. योगिता मण्डलिक, डॉ. निवेदिका पण्ड्या, अपर्णा सानप, फाल्गुनी जोशी, साक्षी सोलंकी, उन्नति जैन, श्वेता कुशवाह ने प्रस्तुति दी। गायन मयंक स्वर्णकार, वैशाली बकोरे, तबला पर मृणाल नागर व सितार पर स्मिता वाजपेयी ने साथ निभाया।

अगले सप्ताह शास्त्रीय गायन व बांसुरी वादन
श्रावण महोत्सव के तहत अगले सप्ताह 19 जुलाई को इंदौर गौतम काले का शास्त्रीय गायन, मुंबई के ऋषिकेश मजूमदार का बांसुरी वादन व ग्वालियर के शिखा डांस अकादमी के कलाकारों द्वारा समूह कथक नृत्य पेश किया जाएगा।

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