गंभीर की हालत ‘गंभीर’, पानी चोरी होता रहा और देखते रहे अफसर…

गंभीर डेम में सिर्फ 172 एमसीएफटी, अब 14 लाख रुपए में इकट्ठा करेंगे पानी
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सावन माह भी खत्म होने को आ गया और अब तक गंभीर डेम में पानी नहीं आने से पीएचई की चिंता बढ़ गई है। डेम में आज सुबह की स्थिति में केवल 172 एमसीएफटी पानी ही बचा है, वह भी इधर उधर जमा है। इसे इंटेकवेल तक एक जगह लाने के लिए पीएचई 14 लाख रुपए खर्च करेगी। इसके लिए टेंडर जारी किया गया है। जल्द ही यह काम शुरू किया जाएगा।
इस बार अब तक बारिश अच्छी नहीं हो सकी और इंदौर का यशवंतसागर डेम भी पूरी तरह भर नहीं सका है। वहां 12 एमसीएफटी पानी ही आ सका है। इस कारण यशवंत सागर डेम के गेट भी खोले नहीं जा सके हैं। गंभीर डेम में 5 से 6 एमसीएफटी पानी की खपत अब भी हो रही है, जिससे इसका लेवल तेजी से कम हो रहा। तेज गर्मी के कारण भी पानी भाप बनकर उड़ता है। पीएचई के अधिकारियों का कहना है कि अगस्त माह तो जैसे तैसे निकल जाएगा लेकिन इस माह भी इंदौर के आसपास बारिश नहीं हुई तो गंभीर डेम पूरी तरह खाली हो सकता है।
गंभीर डेम से पानी सप्लाई करने के लिए पीएचई द्वारा चैनल कटिंग का काम आज कल में शुरू करने की तैयारी कर ली गई है। इसका ठेका 14 लाख रुपए में दिया गया है। पीएचई के अधिकारी डेम का दौरा कर चैनल कटिंग का काम शुरू करेंगे। जलकार्य समिति प्रभारी प्रकाश शर्मा ने बताया चैनल कटिंग की तैयारी कर ली गई है। अभी हमारे पास यही विकल्प है। अधिकारियों ने टेंडर खुलने की तो पुष्टि की है।
चैनल कटिंग कर डेम के पानी को इंटेकवेल तक लाने का पीएचई ने दिया ठेका खड़ोतिया से पानी आगे बढ़ाएंगे
बडऩगर रोड पर स्थित खड़ोतिया गांव पर बने ब्रिज के पास पानी उपलब्ध है, लेकिन यह डेम के इंटेकवेल तक नहीं आ पा रहा। इस कारण डेम में चैनल कटिंग कर पानी आगे बढऩे का रास्ता बनाया जाएगा। इस काम में जेसीबी और पोकलेन मशीनों का उपयोग किया जाएगा। इससे शहर में पानी की आपूर्ति की जाएगी।
अवैध नल कनेक्शन पर अंकुश नहीं लगाने का खामियाजा भुगत रहा शहर
गंभीर डेम सूखने के पीछे पीएचई के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही भी है, क्योंकि पूरे साल हजारों लोग अवैध नल कनेक्शन से पानी की चोरी करते रहे और अफसर कुछ न कर सके। आज भी शहर में हजारों अवैध नल कनेक्शन हैं, लेकिन पीएचई इन्हें काट नहीं पा रहा। अवैध कनेक्शन से वाशिंग सेंटर भी खूब चलाए गए। अब जब पानी सूख गया तो लाखों रुपए खर्च कर आम जनता पर भार डाला जा रहा।
आखिर सूख गया पानी…
तीन दिन में ऐसे कम हुआ पानी
गंभीर डेम की क्षमता 2250 एमसीएफटी
उपलब्ध पानी 172 एमसीएफटी
सोमवार को 178 एमसीएफटी पानी था
2 अगस्त के 187 एमसीएफटी पानी बचा था।
क्या है चैनल कटिंग
दरअसल, गंभीर डेम में आ रहा पानी जब आगे बढक़र इंटेकवेल तक नहीं आ पाता तो जेसीबी आदि मशीनों से बीच के अवरोध हटाकर नाली बनाई जाती है, जिससे वह तेजी से आगे बढ़ सके। बीच में गड्ढे या ऊंचे टेकरे बनने से पानी डेम की ओर बढ़ नहीं पाता। यह डेड स्टोरेज का पानी होता है। इसे फिल्टर कर उपयोग में लिया जाता है। इसके लिए पीएचई द्वारा हर बार ठेका दिया जाता है। गंभीर डेम में पानी कम बचा है, इसके लिए चैनल कटिंग और पानी लिफ्टिंग का ठेका दिया है। इसके टेंडर हो गए हैं और प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
वैभव भावसार, प्रभारी
कार्यपालन यंत्री पीएचई