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1500 किलो सोने का मंदिर और 70 किलो सोने की मूर्ति, अद्भुत है प्राकृतिक सौंदर्य…

तमिलनाडु के वेल्लोर में श्रीपुरम नाम से प्रसिद्ध है लक्ष्मी नारायणी का मंदिर

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वेल्लोर से सुधीर नागर हमारे देश का ये मंदिर 1500 किलो सोने से बना है और इसमें महालक्ष्मी की मूर्ति भी 70 किलो स्वर्ण की है। इससे भी अद्भुत इस मंदिर का प्राकृतिक सौंदर्य है, जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा। तारे के आकार में इस मंदिर का कैंपस करीब सौ एकड़ का है, जिसमें खूबसूरत हरियाली दिखाई देती है। लक्ष्मी नारायणी का ये मंदिर तमिलनाडु के वेल्लोर में श्रीपुरम नाम से भी प्रसिद्ध है। तिरुपति बालाजी मंदिर से इसकी दूरी 120 किलोमीटर है।

संध्या के समय यह मंदिर आकर्षक रोशनी से जगमगाता है और दर्शनार्थी इसका वैभव देख चकित रह जाते हैं। मंदिर ज्यादा प्राचीन नहीं किंतु इसकी परिकल्पना और वास्तु शैली आकर्षक और अनूठी है। हरियाली के बीच स्वर्ण की चकाचौंध से दमकने वाले मंदिर में प्रकृति को सहेजने का काम किया गया है। मंदिर के चारों ओर हरे पेड़ आध्यात्मिक सुकून देते हैं। मंदिर के माध्यम से प्रकृति को कैसे सहेजा जा सकता है, इसका संदेश पूरे देश को दिया जा रहा है।
अक्षरविश्व के विशेष संवाददाता सुधीर नागर इन दिनों दक्षिण भारत की यात्रा पर हैं। वहीं से वे रिपोर्ट कर रहे हैं….

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1700 किलो प्रतिमा- मंदिर परिसर में 1700 किलो चांदी से बनी गणेश प्रतिमा भी है। मंदिर बनाने के लिए सोने को बहुत पतली शीट में बदला गया और तांबे की प्लेट के ऊपर सजाया गया है। स्तंभ से लेकर शिखर तक सभी स्वर्ण मंडित हैं।

मंदिर के चारों ओर जल प्रवाह
सबसे खास बात यह कि इसे एक तारे के मध्य बनाया गया है। मंदिर के चारों ओर करीब दो किलोमीटर लंबा तारे की आकृति का पथ बनाया गया है। इस कॉरिडोर से मंदिर के प्राकृतिक सौंदर्य को निहार सकते हैं। कॉरिडोर के फर्श पर भी तारे की आकृतियां बनाई गई हैं। स्वर्ण से बने मंदिर के चारों ओर पानी का एक कुंड बनाया गया है और मंदिर के सामने पानी का झरना भी बहता दिखाई देता है।

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