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चीन सीमा पर भारत खड़ा करेगा बड़ा रेल नेटवर्क

पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में बड़े पुल और सुरंग बन रही

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300 अरब रुपए भारत सरकार द्वारा इस पर खर्च किए जाएंगे

4 साल के भीतर इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा है

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नईदिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार चीन से लगी अपनी पूर्वोत्तर सीमा पर रेल नेटवर्क खड़ा करेगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया महत्वाकांक्षी योजना के तहत 500 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइनें बिछाई जाएंगी। इसपर करीब 300 अरब रुपए खर्च होंगे।

केंद्र सरकार रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का मकसद दूर-दराज के सीमावर्ती इलाकों तक पहुंच को आसान बनाना, सेना के लिए रसद (लॉजिस्टिक्स) की आपूर्ति को तेज करना और किसी भी आपात स्थिति में सैन्य तैयारियों को पुख्ता करना है। 500 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन के लिए पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में कई बड़े पुलों और सुरंगों का निर्माण होगा।

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यह रेलवे नेटवर्क भारत के उन संवेदनशील सीमावर्ती इलाकों को जोड़ेगा जो चीन, बांग्लादेश, म्यांमार और भूटान की सीमाओं के पास स्थित हैं। इस परियोजना पर सरकार लगभग 300 अरब खर्च करेगी और इसे चार साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना भारत की दीर्घकालिक और सावधानी भरी रणनीति का हिस्सा है।

दूर-दराज के क्षेत्रों में विकास की गति भी तेज होगी

नई रेलवे लाइनें न केवल सेना के जवानों, हथियारों और रसद को तेजी से सीमा तक पहुंचाने में मदद करेगी बल्कि इससे इन दूर-दराज के क्षेत्रों में विकास की गति भी तेज होगी। इससे स्थानीय लोगों के लिए आवागमन और व्यापार के रास्ते खुलेंगे। यह परियोजना आत्मनिर्भर भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों को मजबूत करने की सरकार की नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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