चप्पल-जूते का गलत सिलेक्शन बन सकता है आफत की वजह

ग लत फुटवियर पहनने के कारण भी गिरने का खतरा रहता है। इसलिए फुटवियर खरीदते वक्त काफी सावधानी बरतनी चाहिए। नहीं तो, जरा-सी फिसलन से भी आपकी हड्डी टूट सकती है। यह खतरा बुजुर्गों में ज्यादा रहता है। इसलिए जूते-चप्पल खरीदते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। रोजमर्रा की जिंदगी में हम अक्सर ऐसी छोटी-छोटी चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं, जो हमारे लिए बड़े खतरे का कारण बन सकती हैं। इनमें से एक है चप्पल और जूते। आमतौर पर लोग मानते हैं कि सिर्फ ऊंची एड़ी या टूटे हुए जूते से ही गिरने या चोट लगने का खतरा रहता है। लेकिन आम चप्पलें और जूते भी गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बन सकते हैं।
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जी हां, अगर आप गलत सोल वाले जूते या चप्पल पहन रहे हैं या सतह काफी चिकनी है, तो भी आप गिर सकते हैं और हड्डी टूटने का खतरा रहता है। इसलिए फुटवियर खरीदते और इस्तेमाल करते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
आधुनिक इमारतों में बढ़ता खतरा
आजकल ज्यादातर घरों और ऑफिसों में ग्रेनाइट, मार्बल, सिरेमिक टाइल्स या पॉलिश किए हुए फर्श लगे होते हैं। ये सतहें पहले से ही चिकनी होती हैं। अगर उस पर पानी, साबुन का झाग, तेल या कोई अन्य चिकना पदार्थ गिर जाए, तो खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में अगर आपके जूते का तला चिकना है, तो वह तेजी से स्लिप कर सकता है। सीढिय़ां, खासकर स्टील या मार्बल की, इस मामले में और भी ज्यादा जोखिम पैदा करती हैं। हल्का सा पैर फिसलने से कूल्हे, कमर, रीढ़ की हड्डी या हाथ-पैर की हड्डी के टूटने का जोखिम रहता है।
नंगे पैर और जल्दबाजी भी हैं खतरनाक
ध्यान रखें कि नंगे पैर भी इन चिकनी सतहों पर फिसल सकते हैं। इसलिए, घर के अंदर भी ऐसे चप्पल पहनना बेहतर है जिनके तले में अच्छी पकड़ हो। इसके अलावा, जल्दबाजी में सीढिय़ां चढऩा-उतरना या भागदौड़ करना भी दुर्घटना को निमंत्रण दे सकता है। हमेशा सीढिय़ों का इस्तेमाल करते समय रेलिंग का सहारा जरूर लें, चाहे आप कितने भी युवा क्यों न हों।
इमरजेंसी में दूसरों के फुटवियर पहनने से बचें
कई बार इमरजेंसी में हमें दूसरों के चप्पल या जूते पहनने पड़ जाते हैं। ऐसे में उनके तलों की जांच जरूर कर लें। अगर वे चिकने या घिसे हुए लगें, तो उन्हें पहनकर चलने में ज्यादा सतर्कता बरतें या फिर कोई और ऑप्शन ढूंढें।
सबसे जरूरी है तले का डिजाइन
फुटवियर खरीदते समय सबसे पहले उसके सोल यानी तले पर ध्यान दें। तला न तो बहुत चिकना होना चाहिए और न ही बहुत कड़ा। एक अच्छे तले में सही ग्रिप होनी चाहिए, जिससे फ्रिक्शन बना रहे और गिरने का खतरा कम हो। आजकल बाजार में प्लास्टिक के चिकने तले वाले चप्पल-जूते आम हैं, जो दिखने में तो आकर्षक लगते हैं, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं।
बुजुर्गों के लिए खास सावधानी
बुजुर्गों के लिए तो यह सावधानी और भी जरूरी हो जाती है, क्योंकि उनकी हड्डियां ज्यादा नाजुक होती हैं और गिरने पर चोट का जोखिम गंभीर हो सकती है। उनके फुटवियर बेहद सोच-समझकर चुनने चाहिए। साथ ही, समय-समय पर उनके इस्तेमाल में आने वाले चप्पल-जूतों के तलों की जांच करते रहें। लंबे इस्तेमाल के बाद तले घिसकर चिकने हो जाते हैं, ऐसे में उन्हें बदल देना ही सुरक्षित रहता है।
सही नंबर की फुटवियर
जूते या चप्पल हमेशा अपने पैर के नाप के मुताबिक ही चुनें। छोटे फुटवियर पहनने से पैरों में दर्द हो सकता है और बड़े साइज के जूतों में गिरने का खतरा रहता है। इसलिए फुटवियर हमेशा सही साइज के पहनें।









