उपार्जन की राशि में विलंब के कारण सरकार ने किसान हित में लिया निर्णय
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:प्रदेश के सहकारी बैंकों से अल्पावधि कृषि ऋण लेने वाले किसानों को इसे चुकाने के लिए एक माह का समय और मिलेगा। सरकार ने ऋण चुकाने की अवधि को एक बार फिर एक माह बढ़ाकर 31 मई कर दिया है। इसका कारण यह है कि किसानों को समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के बाद अभी राशि प्राप्त नहीं हुई है। वहीं, उपार्जन भी चल रहा है, इसलिए भुगतान की अंतिम तिथि में वृद्धि की गई है।
प्रदेश में सरकार किसानों को जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के माध्यम से सरकार बिना ब्याज के फसल ऋण उपलब्ध कराती है। 2023 की खरीफ फसल के लिए लिया गया ऋण 28 मार्च 2024 तक चुकाना था, लेकिन इस अवधि को बढ़ाकर सरकार ने 30 अप्रैल कर दिया था। इस बीच मौसम खराब होने से उपार्जन का कार्य प्रभावित हुआ और तकनीकी कारणों से किसानों का उपज के भुगतान में भी विलंब हुआ।
इसे देखते सरकार ने निर्णय लिया है कि केवल ऐसे किसान, जिनके द्वारा भुगतान की निर्धारित तिथि 30 अप्रैल 2024 तक समर्थन मूल्य पर अपनी उपज जैसे गेहूं, चना, मसूर, सरसों आदि का विक्रय किया गया है और उन्हें भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है, वे 31 मई तक भुगतान कर सकते हैं। साथ ही उपार्जन की निर्धारित अंतिम तिथि तक उपज विक्रय करने वाले बाकी किसान भी इस दायरे में आएंगे। इस सुविधा का लाभ केवल उपार्जन से संबंधित किसानों को ही मिलेगा।
समर्थन मुल्य पर गेहूं खरीदी 20 मई तक की जाएगी
इधर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने रबी उपार्जन की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि जिले में रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय के लिए 99,443 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें गुरुवार तक समर्थन मूल्य पर 188 उपार्जन केंद्रों पर 53351 किसानों से 435754.05 मे. टन गेहूं खरीदा गया है। इसका मूल्य रु.1045.28 करोड़ है। इसमें से रु.1030.82 करोड़ की राशि का भुगतान किसानों को गुरुवार तक किया जा चुका है।
कलेक्टर सिंह ने बताया कि समर्थन मुल्य पर गेहूं खरीदी 20 मई तक की जाएगी। इसी के साथ कलेक्टर ने पंजीकृत किसानों से अनुरोध किया कि गेहूं विक्रय की अंतिम तिथि से पूर्व अपना स्लॉट बुक कराकर नजदीकी उपार्जन केंद्र पर अपनी उपज को विक्रय करें । बैठक में उप संचालक कृषि आरपीएस नायक व सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।