अक्षरविश्व एक्सक्लूसिव :अब उज्जैन में नमामि शिप्रे… 593.62 करोड़ रुपए का यह है पहला कदम

सिंहस्थ से पहले मध्यप्रदेश सरकार की पहल, शिप्रा नदी के लिए काम करेगा डिविजन
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29 किमी लंबे घाट के काम जल संसाधन विभाग से लेकर नमामि शिप्रे डिविजन को सौंपे
सुधीर नागर उज्जैन। सिंहस्थ से पहले उज्जैन में शिप्रा नदी को निर्मल और घाटों का कॉरिडोर बनाने जैसे काम करने के लिए मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने नया कदम उठाया है। नमामि गंगे मिशन की तरह नमामि शिप्रे अभियान के माध्यम से ये काम होंगे। इसके लिए जल संसाधन विभाग में नमामि शिप्रे डिविजन शुरू कर दिया गया है, जिसने 29 किलोमीटर से अधिक लंबे घाट बनाने के लिए पहला कदम भी आगे बढ़ा दिया है। घाट और डेम बनाने के लिए 593.62 करोड़ रुपए का नया टेंडर जारी किया है।
घाट बनाने का काम अब तक जल संसाधन विभाग कर रहा था, जिसने घाटों के माध्यम से शिप्रा नदी के दोनों तरफ कॉरिडोर बनाने का काम भी शुरू कर दिया था। इसके लिए जल संसाधन विभाग ने टेंडर भी लगाया था। राज्य सरकार ने ये काम अब नमामि शिप्रे डिविजन को सौंप दिए हैं। डिविजन को करीब एक माह पहले बकायदा आदेश भी जारी कर दिया गया है। डिविजन ने यह घाट बनाने के लिए नए सिरे से टेंडर जारी कर दिया है, जिसके लिए टेंडर लगाने की डेडलाइन 2 अप्रैल तय की है।
टेंडर में कान्ह क्लोज डक्ट प्रोजेक्ट के तहत गोठड़ा गांव से शनि मंदिर तक शिप्रा नदी के दोनों ओर घाट बनाए जाएंगे। इसके अलावा शनि मंदिर से सिद्धवट के आगे नागदा बायपास तक शिप्रा नदी के दोनों ओर घाट बनाए जाएंगे। योजना के अनुसार भर्तृहरि गुफा क्षेत्र में आत्मलिंगेश्वर मंदिर के पास एक डेम भी बनाया जाएगा। कुल तीन वेंटेड कॉसवे (डेम) होंगे। खान नदी पर पांच बैराज और शिप्रा नदी पर एक बैराज की योजना है। इसके लिए 593.62 करोड़ रुपए का टेंडर लगाया गया है। 4 अप्रैल को खुलने के बाद एजेंसी का चयन करने की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। इससे अब मई माह में ही योजना के तहत काम शुरू होने की संभावना है।
नमामि डिविजन: अभी बिल्डिंग नहीं दो कार्यपालन यंत्री के हाथ बागडोर..
नमामि शिप्रे डिविजन जल संसाधन विभाग के अंतर्गत ही फिलहाल शुरू किया गया है। अभी इसके लिए अलग से बिल्डिंग नहीं मिली है लेकिन इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। मुख्यालय में मुख्य अभियंता को पत्र भेजा गया है। डिविजन में दो भाग किए गए हैं। क्रमांक एक के कार्यपालन यंत्री योगेश भल्ला हैं और क्रमांक 2 के कार्यपालन यंत्री मयंक परमार हैं। दोनों कार्यपालन यंत्रियों को दो दो सहायक प्रबंधक के रूप में सहायक यंत्री दिए गए हैं।
29 किलोमीटर के घाट की योजना
29.12 किमी लंबे कुल घाट होंगे।
14.56 किमी शिप्रा के एक तरफ और दूसरी तरफ भी इतने ही लंबे (14.56 किमी) घाट
51 फीट (15.6 मीटर) कुल चौड़ाई
4 फीट 11 इंच (1.5 मीटर) ऊंचे बनेंगे घाट
डिविजन बनाया गया है
शिप्रा नदी के काम करने के लिए जल संसाधन विभाग में नमामि शिप्रे नाम से डिविजन बनाया गया है।
नीरजकुमार सिंह, कलेक्टर
अब नमामि डिविजन बनाएगा घाट
शिप्रा नदी के घाट बनाने का काम नमामि शिप्रे डिविजन को सौंपा गया है। अब वही काम करेगा।
मयंक सिंह, कार्यपालन
यंत्री जल संसाधन विभाग
आदेश मिल गया है
नमामि शिप्रे डिवीजन के तहत शिप्रा नदी के काम करने का आदेश मिल गया है। घाटों को बनाने के लिए हमने पहला टेंडर भी अपलोड कर दिया है।
मयंक परमार, कार्यपालन यंत्री
नमामि शिप्रे डिविजन क्रमांक 2