अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। गुरु समान दाता नहीं, याचक शीष समान, तीन लोक की संपदा, सो गुरु दिन्ही दान अर्थात पूरी दुनिया के समान कोई दानी नहीं और शिष्य के समान कोई याचक नहीं। संत कबीर का यह दोहा गुरु और शिष्य के अनमोल रिश्ते की महिमा का बखान करने के लिए काफी है। शिक्षक केवल पाठ्यक्रम के ज्ञान के ही शिक्षक नहीं होते बल्कि वे जीवन में मिलने वाले सबक के भी मार्गदर्शक होते हैं। उनकी मेहनत, समर्पण और शिक्षण की कला ही हमें अपने सपनों की ओर कदम बढ़ाना सिखाती है।
शिक्षक अर्थात् गुरु के सम्मान की परंपरा कोई नई नहीं है। यह सनातन है। देश का भविष्य का गढऩे वालों का सम्मान करना सनातन परपंरा है और इसी कड़ी में अक्षर विश्व सभी शिक्षकों को नमन करते हुए गुरु सांदीपनि एवं भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली उज्जैन में गुरु गौरव सम्मान 2024 का आयोजन करने जा रहा है।
14 सितंबर की शाम 5 बजे देवास रोड स्थित होटल श्री गंगा में आयोजन होगा। कार्यक्रम में शहर के ऐसे गुरुओं का सम्मान किया जाएगा, जिन्होंने विद्यार्थियों को अपने ज्ञान, धैर्य और मार्गदर्शन से तराशा है। अक्षर विश्व के गुरु गौरव सम्मान को आरके डेवलपर्स, जिजीविषा, ओमेक्स, नवोदय विनायक ग्रुप, सेवाधाम आश्रम, एके और एसजीएमएल आई हॉस्पिटल ने मजबूती दी है। कार्यक्रम केवल आमंत्रितों के लिए रहेगा।