रात 3 बजे छत्री चौक के बगीचे में सौतेली मासूम बेटी से 61 साल के वहशी ने किया गलत काम

मां को आपबीती बताई तब दर्ज हुआ प्रकरण

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धोखे से उज्जैन लाया और इधर-उधर घुमाता रहा

आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय भेजा, वहां से जेल गया

अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। महिला ने अपने दूसरे पति पर भरोसा किया। उसने पहले पति से जन्मी 11 की बेटी को उसके साथ भेज दिया। बालिका उसे काका बोलती थी। उस काका ने जो किया वह बाप-बेटी के रिश्तों को तार-तार करने वाला है। उस बेशर्म ने रात तीन बजे छत्री चौक के बगीचे में ले जाकर उसके साथ मुंह काला किया।

इसके बाद वह बालिका को घर ले गया, जहां बालिका ने रोते हुए मां के सामने वह सबकुछ उगल दिया जो उसके साथ हुआ था। रोती-बिलखती मां बेटी को लेकर खाराकुंआ थाना पहुंची। उधर वह 61 साल वह आरोपी फरार हो गया। कब तक बचता। पुलिस ने उसे एक आश्रम से दबोच कर न्यायालय में पेश किया। अब वह जेल में है।

यह मामला है कि इंदौर की रहने वाली महिला का। उसका एक सैनिक से विवाह हुआ। तीन बच्चे हुए, दो लडक़े एक लडक़ी। कुछ अनबन हुई और दोनों अलग हो गए। आरती को साथ मिला नाथूराम पिता श्रवण कुमार शुक्ला का। नाथूराम मूलत: रो उमरिया भिंड का रहने वाला है। दोनों का जीवन ठीक चल रहा था।

आश्रम जाने को लेकर होते थे विवाद

महिला ने पुलिस को बताया। नाथूराम एक आश्रम से जुड़ा हुआ था। वह घर छोड़ कर आश्रम में होने वाले सत्संग में चला जाता था। वह कोई काम भी नहीं करता था। पति-पत्नी में आश्रम जाने को लेकर अक्सर विवाद होते रहते थे। महिला का कहना था कि तुम तो वहां जाकर भंडारे में पेट भर लेते हो, इन बच्चों का क्या होगा? नाथूराम उसकी बात पर ध्यान नहीं देता था।

आश्रम का बहाना बनाकर लाया था

महिला ने पुलिस को बताया कि नाथूराम मार्च के महीने में उसकी 11 साल की बेटी को लेकर उज्जैन आया। बोला, मैं आश्रम में जा रहा हूं। उसने नाथू की बात पर भरोसा कर लिया। जब बेटी घर लौटी तब वह रोने लगी और बोली- मां, काका ने मेरे साथ बुरा काम किया। यह सुनते ही मां चीख पड़ी और नाथूराम को कोसने लगी। विवाद बढ़ता देख नाथूराम भाग गया। आरती ने उज्जैन पहुंच कर खाराकुंआ पुलिस की शरण ली। थाना प्रभारी राज कुमार मालवीय ने पूरी बात सुनी और रिपोर्ट दर्ज कर ली।

थाना प्रभारी ने टीम बनाई और खोजबीन शुरू की

नाथूराम को पकडऩे के लिए थाना प्रभारी मालवीय ने टीम बनाई। इसमें सब-इंस्पेक्टर लिबान कुजुर, सब-इंस्पेक्टर गजा सिंह पटेल, आरक्षक वीरेंद्र शर्मा, लक्ष्मण पटेल, आशीष चौधरी और निधि धिंगान को शामिल किया। इस टीम ने राऊ पहुंच कर नाथूराम के ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन वह पुलिस को गच्चा देकर भाग निकला। थाना प्रभारी को सूचना मिली कि वह पिंगलेश्वर स्थित आश्रम पहुंचने वाला है। पूरी टीम ने वहां सादी वर्दी में डेरा डाला और हर आने वाले पर नजर रखी। आखिर कब तक बचता। भीड़ में से टीम ने उसे पहचान लिया और हिरासत में ले लिया।

पूछताछ में सच उगल दिया नाथू ने

थाना प्रभारी मालवीय ने बताया कि थाने लाकर नाथू से पूछताछ की गई। उसने अपने जुर्म कुबूल कर लिया। उसने बताया कि वह बालिका को झूठ बोल कर उज्जैन लाया था। वह उसे लेकर शहर में घूमता रहा। रात तीन बजे के करीब सूनसान इलाका देख छत्रीचौक के बगीचे में उसके साथ गलत काम किया।उससे कहा गया कि बालिका तुझे काका बोलती थी। रिश्ते में सौतेली ही सही, बेटी तो लगती थी। बुरा काम करते हुए शर्म नहीं आई। वह सिर झुकाए बैठा रहा। पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।

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