उज्जैन। श्री विजय हीरसूरीश्वरजी बड़ा उपाश्रय के तत्वावधान में अहमदाबाद निवासी मुमुक्षु रत्न मौलिक गांधी का मुक्तिपथ पर मंगल प्रस्थान हुआ। सुबह 5 बजे युगप्रधान संयम वाटिका में गुरुदेवों के साथ मुमुक्षु का मंगल प्रवेश हुआ। इसी के साथ दीक्षाविधि प्रारंभ हुई और मुमुक्षु मौलिक गांधी दीक्षा जैन मुनि मलयपुण्यविजयजी बन गए।
मुमुक्षु मौलिक का संसार त्याग निमित्त प्रारब्ध युग प्रधान प्रव्रज्या पर्व महोत्सव के पांचवें दिन युग प्रधान आचार्य सम पूज्यपाद पन्यास प्रवर चंद्रशेखर वि.म. के शिष्यरत्न जैनाचार्य जिनसुंदरसूरि धर्मबोधि सूरि आदि साधु साध्वी भगवंतों के साथ सुबह 5 बजे मुमुक्षु मौलिक कुमार का संसार त्याग मंडप में प्रवेश हुआ। रजोहरण को ग्रहण करके परमात्मा तथा सद्गुरु समक्ष नृत्य करके भावों को प्रदर्शित किया। उसके बाद संसारी कपड़े गहनों का त्याग करके जैन मुनि का वेष धारण करके मुमुक्षु मौलिक का मंडप में प्रवेश हुआ।
विराट जनसमुदाय उनके दर्शन के लिए खड़े थे। सद्गुरु ने मुमुक्षु मौलिक को संपूर्ण संसार त्याग करने का मंत्र का उच्चारण किया और मुमुक्षु ने जीवन के अंत समय तक कोई भी जीव को परेशान नहीं करने का, दुखी नहीं करने का, त्रास नहीं देने का, जीवों को शांति देने का नियम का ग्रहण किया। अंत में मुमुक्षु ने संसार के भौतिक पदार्थों के त्याग के साथ संसारी नाम का भी त्याग करके नए नाम मलयपुण्यविजय को धारण किया।