एम्स की तर्ज पर विकसित होगा उज्जैन का आयुर्वेदिक कॉलेज

By AV News

केंद्रीय आयुष मंत्री जाधव ने दिया संकेत जुड़ेगा नया अध्याय

प्रस्ताव को मध्यप्रदेश सरकार की मिली हरी झंडी, अब केंद्र सरकार से मंजूरी का इंतजार

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। उज्जैन के आयुर्वेद कॉलेज को ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) की तर्ज पर विकसित कर ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (एआईआईए) बनाने की तैयारी है। मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। सरकार इसके प्रस्ताव को हरी झंडी दे चुकी है और केंद्र की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रताप राव जाधव ने भी इसका संकेत दिया है।

आयुर्वेद कॉलेज अभी मंगलनाथ मंदिर रोड पर है। यह कई समस्याओं से जूझ रहा है। बड़ी वजह यह कि अर्थ संकट के कारण कॉलेज स्तर की जरूरी सुविधाएं भी नहीं हैं। सीएम डॉ. यादव ने केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को एक अर्धशासकीय पत्र भेजा था। इस पर आयुष सचिव द्वारा राज्य शासन को इसके लिए एनओसी जारी की जा चुकी है। मध्यप्रदेश शासन की ओर से एक प्रस्ताव केंद्रीय आयुष मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही इसे मंजूरी दे सकती है। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद बनने से आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में उज्जैन अहम भूमिका निभा सकता है।

पीएम से सीएम ने की बात!

आयुर्वेद कॉलेज सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री डॉ. यादव इस मामले में विशेष रुचि ले रहे हैं। सीएम ने आयुर्वेद कॉलेज को एम्स की तर्ज पर विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा भी की है। इससे प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की संभावना ज्यादा है।

32 करोड़ रुपए स्वीकृत किए

आयुर्वेद कॉलेज के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही 32 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इस राशि से कॉलेज परिसर में एक ऑडिटोरियम और दो हॉस्टल बनाए जा सकेंगे। सूत्रों के अनुसार यह राशि स्वीकृत होकर कॉलेज प्रशासन को मिल चुकी है और निर्माण के लिए टेंडर जारी करने की कवायद की जा रही है।

पॉलिसी में पैरालिसिस, कॉलेज के अपने मर्ज..

  • प्रसूति के लिए सिर्फ एक ऑपरेशन थिएटर और रोज चार से पांच डिलेवरी होती हैं।
  • फैकल्टी में पदों के लिए वेतन स्वीकृत नहीं।
  • फैकल्टी बढ़ाने के लिए 2018 से प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन आज तक अधर में।
  • कॉलेज के कुछ विभाग ऐसे भी है जहां एक विभागाध्यक्ष के पास 28 क्लास की जिम्मेदारी।
  • कुछ लेक्चरर 15 वर्षों से इसी पद पर काम कर रहे, पदोन्नति ही नहीं हो पा रही।
  • सर्जरी में कॉलेज के पास एकमात्र डॉक्टर और ऑपरेशन वाले मरीजों की रहती है कतार।
  • इस स्थिति से मरीजों की 15 दिनों तक वेटिंग रहती है।
  • ऑटो प्रमोशन का प्रस्ताव भी अधर में।

अभी न खेल मैदान न गल्र्स हॉस्टल

आयुर्वेद कॉलेज परिसर अभी कई समस्याओं से जूझ रहा है। मुख्य यह कि परिसर में खेल मैदान ही नहीं है। हर कॉलेज में एक खेल मैदान जरूरी है। गल्र्स के लिए हॉस्टल सुविधा भी नहीं है। सूत्रों के अनुसार पिछले पचास सालों से कॉलेज प्रशासन द्वारा गल्र्स हॉस्टल के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है, लेकिन यह राशि स्वीकृत नहीं हो सकी है। बॉयज होस्टल है, लेकिन वह करीब साठ साल पुराना होने से जर्जर हो चुका है।

इंफो

  • शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेदिक महाविद्यालय उज्जैन मध्य प्रदेश में आयुर्वेद के लिए एक प्रतिष्ठित सरकारी महाविद्यालय है।
  • इसे धन्वंतरि महाविद्यालय उज्जैन के नाम से जाना जाता है।
  • इसकी स्थापना 1968 में हुई थी।
  • परिसर में दो हर्बल गार्डन हैं। एक कॉलेज परिसर में और दूसरा अस्पताल परिसर में है।
  • मध्यप्रदेश सरकार के जैव-विविधता बोर्ड द्वारा इसे
  • सर्वश्रेष्ठ जैवविविधता उद्यान का दर्जा दिया जा चुका है।

अभी प्रक्रिया में प्रस्ताव

उज्जैन के आयुर्वेद कॉलेज को ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) की तर्ज पर विकसित कर ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (एआईआईए) बनाने की प्रक्रिया शासन स्तर पर चल रही है।
डॉ. जेपी चौरसिया, प्राचार्य

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