रामघाट पर आज होगी भजन गायिका स्वस्ति मेहुल और सेना बैंड की प्रस्तुति

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा का आज शाम रामघाट पर रंगारंग समापन होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी वाल्मीकि धाम से यात्रा में शामिल होंगे और पैदल चलेंगे। यात्रा के समापन में राम आएंगे….राम आएंगे भजन गाने वाली गायिका स्वस्ति मेहुल और सेना बैंड की प्रस्तुति होगी।
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शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा का शुभारंभ बुधवार को रामघाट से हुआ था। शिप्रा के एक छोर को पार कर यात्री दूसरे छोर पर पहुंचे और पूरे दिन की यात्रा के बाद े दत्तअखाड़ा घाट गुरुद्वारे में रात्रि विश्राम कियाा। इस दौरान भजन-कीर्तन के कार्यक्रम हुए। गुरुवार सुबह यात्रियों ने दत्त अखाड़ा घाट से चलना शुरू किया। रंजीत हनुमान मंदिर, विक्रांत भैरव, कालभैरव मंदिर के सामने से होते हुए यात्री मंगलनाथ के दूसरे छोर पर पहुंचे और यहां से किनारा पकडक़र वाल्मीकि धाम की ओर रवाना हुए। यात्रा में शामिल नरेश शर्मा ने बताया कि वाल्मीकि धाम से सीएम डॉ. मोहन यादव यात्रा में शामिल होंगे।
रामघाट पर होगा रंगारंग समापन
शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा का समापन रामघाट पर रंगारंग कार्यक्रम से होगा। शिप्रा मां का पंचामृत अभिषेक कर ३५१ फीट लंबी चुनरी चढ़ाई जाएगी। पूजन उपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू होंगे। ख्यात भजन गायिका शिवपुरी की स्वस्ति मेहुल प्रस्तुति देंगी।
कौन हैं मेहुल… स्वस्ति मेहुल युवा भजन गायिका हैं। मूलत: शिवपुरी की महल कॉलोनी की निवासी मेहुल ने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ग्वालियर घराने की मीता पंडित से ली है। उनके राम आएंगे गीत की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं।
नृत्य के माध्यम से महाकाल की आराधना, लगातार 18 घंटे चलेगी
उज्जैन। गंगा दशहरा पर्व पर श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में भगवान महाकाल की आराधना नृत्य के माध्यम से की जा रही है। गुरुवार को भस्मार्ती के बाद शुरू हुई यह अखंड नृत्यांजलि शयन आरती तक लगातार 18 घंटे तक चलेगी। आयोजन में करीब 100 बच्चे और कलाकार भाग ले रहे हैं।
रसराज नृत्य संस्थान द्वारा आयोजित इस अखंड नृत्य साधना की यह परंपरा गुरुवर राज कुमुद ठोलिया के मार्गदर्शन में पिछले ३६ सालों से चल रही है। इस बार भी नृत्यांजलि के माध्यम से विश्व कल्याण, सुख-समृद्धि और शांति की कामना की जा रही है। आयोजन के लिए 5 से 50 वर्ष तक की महिला कलाकारों ने एक महीने तक विभिन्न स्थानों पर अभ्यास किया। बच्चे और युवतियां शिव तांडव, पंचाक्षर स्तोत्र और भगवान शिव की आरती पर नृत्य प्रस्तुत कर रही हैं।