जगह-जगह श्रद्धालुओं को बांटे पोहे, मंदिरों में किए दर्शन
उज्जैन। वैशाख कृष्ण दशमी से शुरू हुई आस्था की पंचक्रोशी यात्रा का रविवार को समापन हो गया। सुबह पटनी बाजार स्थित श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर पहुंचे यात्रियों ने पहले भगवान के समक्ष माथा टेका, मिट्टी से बने घोड़े चढ़ाए और फिर बल लौटाया। दरअसल, अच्छी बारिश, उत्तम खेती और नगर की सुरक्षा एवं समृद्धि के उद्देश्य से पांच दिनों की इस यात्रा की शुरुआत 23 अप्रैल से हुई थी। रविवार सुबह श्रद्धालुओं ने नगर प्रवेश किया।
सबसे पहले यात्री रामघाट पहुंचे। अमावस्या होने से उन्होंने मोक्षदायिनी शिप्रा में स्नान किया और फिर घाट पर बने मंदिरों के दर्शन किए। इसके बाद सिर पर पोटली रख भगवान नागचंद्रेश्वर को बल लौटाने के लिए निकल पड़े। इस दौरान मंदिर के अंदर और बाहर यात्रियों का हुजूम उमड़ पड़ा। उन्होंने भगवान के दर्शन किए और बल लौटाया। इसके बाद भूखी माता के सामने स्थित कर्कराज महादेव के दर्शन कर अष्टतीर्थ की यात्रा शुरू की। देर शाम यात्रा पूर्ण करते हुए श्रद्धालु भगवान मंगलनाथ के दर्शन कर अपने-अपने घरों के लिए रवाना होंगे। आपको बता दें कि वैशाख माह भगवान की आराधना का महीना होता है इसलिए हर साल श्रद्धालु भीषण गर्मी में पैदल यात्रा पर निकलते हैं।
नाश्ते में पोहे वितरित… 118 किमी की यात्रा पूरी करने के बाद नगर प्रवेश करने पर जगह-जगह शहरवासियों ने यात्रियों के लिए नाश्ते के स्टॉल लगाए गए थे। पटनी बाजार सहित रामघाट पर भी यात्रियों को पोहे वितरित किए गए।
दो दिन पहले शुरू हो गई थी यात्रा
इस पर पंचक्रोशी यात्रा अपने तय समय से दो दिन पहले भी शुरू हो गई थी जिसमें बड़ी तादाद में यात्री इस यात्रा पर निकल चुके थे। इसके चलते उनकी यात्रा का समापन भी जल्दी हो गया। वह शनिवार को ही शहर पहुंच चुके थे।