84 महादेव परिक्रमा

  • 63/84 महादेव : श्री धुन: साहस्रेश्वर महादेव मंदिर

    तीर्थानां च यथा गड्ग रक्षिता योधसन्तमे:। तथास्यं रक्षको देवो नाम्ना धनु: सहस्रक:।। तत्र गड्गदितीर्थानि विद्यन्ते विविधानि च। सुरहस्यातिपुण्यानि सद्य: पापहराणि…

  • 61/84 महादेव : श्री सौभाग्येश्वर महादेव मंदिर

    नापुत्रा नाधना नारी न दीनानचदु:खिता। जायते दुर्भगा नैव सौभाग्येश्वर दर्शनात्।।५७।। नवैधण्यं नच व्याधिर्नाकालमरणं प्रिये। नपुत्रीभर्तृजं दु:खं जायते लिङ्गदर्शनात।।५६।। लेखक –…

  • 60/84 महादेव : श्री मतङ्गेश्वर महादेव मंदिर

    निर्मर्यादा निराचारा नि:शङ्काश्चातिलोलुपा:। निर्घृणाक्रूरकर्मणो धृष्टा कलियुगे नरा:। दर्शनातस्य लिङ्गस्य तेऽपि यान्ति त्रिविष्टम्।।४७।7 (अर्थात्- मर्यादारहित, आचाररहित, नि:शंक, लालुप, क्रूरकर्मो दुष्टों को…

  • 59/84 महादेव : श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर

    धर्मार्थकामीसद्धिश्च मोक्षसिद्धिरनुत्तमा। जायतेनात्र सन्देह: श्रीसिद्धेश्वरदश्नित्।। (अर्थात – धर्म, अर्थ, काम सिद्धि तथा मोक्षसिद्धि- ये सब सिद्धेश्वर के दर्शन से प्राप्त…

  • 58/84 महादेव :  श्री प्रयागेश्वर महादेव मंदिर

    या गीतर्योगयुक्तस्य सत्वस्थस्य मनीषिण:। माघमासे समेष्यन्ति प्रयागेश्वरदर्शनम्।।४३।। कत्र्तुये मानुषास्तेजामश्वरमेघ: पदे पदे।।४९।। (अर्थात – योगयुक्त योगी की जो गति है, वह…

  • 57/84 महादेव : श्री घण्टेश्वर महादेव मंदिर

    ये पश्यन्ति विशालाक्षि देवं घण्टेश्वरं शिवम्। ते घण्टाभिर्नादितास्त विभानै: सार्वकामिकै: ।।३२।। यारस्यन्तिसुचिंरकालममलोकं सनातनम्। (अर्थात – जो घण्टेश्वर शिव का दर्शन…

  • 56/84 महादेव : श्री रेवन्तेश्वर महादेव मंदिर

    ये मांद्रक्ष्यन्तिरेवन्त भक्तयापरमयायुता:। तेषामश्वा भविष्यन्ति विजयो यश ऊर्जितम्।। ऐश्वर्य दानशक्तिश्च पुत्रपौत्रमन्नतकम्। (अर्थात्- हे रेवन्त! जो यहंा मेरा दर्शन भक्तिभाव से…

  • 55/84 महादेव :श्री सिंहेश्वर महादेव मंदिर

    स्पर्शनादस्य लिङ्गस्यपुनात्यासप्रमंकुलम्।।३०।। मनसा चिन्तितान्कामांस्तांश्च प्राप्नोति पुष्कलान्। तदैव पुरुषों मुक्तो जन्मदु:खजरादिभि:।।३१।। (अर्थात्- इस लिंग का स्पर्श करने से सात कुल पर्यंत…

  • 54/84 महादेव :श्री कण्टकेश्वर महादेव मंदिर

    नैमिषऽथ कुरूक्षेत्रे गश्राद्वारेच पुष्करे। स्नानांत्संसेवनाद्वापि यत्पुण्यं च मतिष्यति।। तत्पुण्यं भविता सम्यक्छी कण्टेश्वर दर्शनात्।। (अर्थात्- नैमिष, कुरूक्षेत्र, गंगाद्वार, पुष्कर में स्नान-यज्ञादि…

  • 53/84 महादेव :श्री विश्वेश्वर महादेव मंदिर

    यत्रसम्पूज्यतेलिंग तस्यिन्देशेशुभा: क्रिया:।।४३।। न तत्र दुर्भिक्षभयं नापमृत्युभयं क्वचित। प्रेतयोनौच् वैताला न नागा नच दंष्ट्रिणे:।।४४।। (अर्थात, जहां यह लिंग पूजा की…