चैनल कटिंग से भी डेम में नहीं आया पानी, अब डिवाटरिंग की तैयारी

नर्मदा की लाइन को गंभीर डेम से जोडऩे का काम शुरू, आठ दिन में होगा पूरा

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डेम में पानी इस बार और पिछले साल

इस साल 150 एमसीएफटी

पिछले साल 499 एमसीएफटी

अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। गंभीर डेम में पानी लाने के लिए चैनल कटिंग शुरू करने के बाद भी पानी नहीं बढ़ सका है। अब डेम में 150 एमसीएफटी पानी ही बचा है। इससे जलसंकट का खतरा बढ़ता जा रहा है। लालपुल के पास गंभीर डेम तक पाइपलाइन को जोडऩे का काम तो शुरू कर दिया गया है, लेकिन इसके जुडऩे में आठ दिन का समय लग सकता है।

गंभीर डेम में पानी आगे बढ़ाने के लिए खड़ोतिया गांव के पास चैनल कटिंग का काम तो शुरू कर दिया गया है, लेकिन यह अभी डेम तक पहुंच नहीं सका है। डेम का लेवल आज सुबह 150 एमसीएफटी दर्ज किया गया है, जिसने अफसरों की चिंता और बढ़ा दी है। सूत्रों के अनुसार पीएचई अब डेम में डिवाटरिंग का काम शुरू करेगी।

इसमें पानी को मोटर से लिफ्ट कर आगे बढ़ाया जाएगा ताकि इंटेकवेल से पानी सप्लाई के लिए उपयोग किया जा सके। चैनल कटिंग के लिए इस बार पोकलेन मशीनों से नदी किनारे ट्रेंच बनाई जा रही है, लेकिन पानी अभी डेम तक पहुंच नहीं सका है। इससे भी पीएचई की चिंता बढ़ गई है। डेम में तीन दिन में 12 एमसीएफटी पानी कम हो गया है। 7 अगस्त को 162 एमसीएफटी का लेवल था जो आज घटकर 150 पर पहुंच गया है।

इसलिए तो नहीं आ रहा पानी?

चैनल कटिंग के बाद भी पानी गंभीर डेम में नहीं आ पाने की वजह यह है कि इस बार चैनल कटिंग नदी से कुछ दूर गहरी ट्रेंच बनाकर किया जा रहा है। इसकी गहराई करीब साढ़े तीन मीटर है जबकि नदी की गहराई करीब 4 फीट है। दोनों के लेवल में अंतर अधिक होने के कारण भी पानी तेजी से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। यह ट्रेंच नदी के बहाव से अलग है। पीएचई अधिकारियों की मानें तो ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि नदी में जेसीबी या पोकलेन नहीं जा सकती। गाद अधिक होने से मशीन फंस सकती है।

नर्मदा से लाइन जोडऩे की कवायद

नर्मदा नदी का पानी पाइपलाइन के माध्यम से सीधे गंभीर डेम तक पहुंचाने के लिए अधूरे काम को शुरू कर दिया गया है। लालपुल के पास टी कनेक्शन कर दोनों लाइनों को जोड़ा जाएगा। पीएचई के सूत्रों की मानें तो यह काम पूरा करने में आठ दिन का समय लग सकता है। इस बीच अच्छी बारिश होने की भी उम्मीदें की जा रही हैं।

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