श्री बालोद्यान में अव्यवस्थाओं का बोलबाला, नहीं कोई देखने वाला

सफाई के अभाव में उद्यान में जगह-जगह लगे कचरे के ढेर

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कम्पोस्ट पिट में कचरा भरा लगाईं मूर्तियां भी क्षतिग्रस्त

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। शहर का सबसे पॉश एरिया कोठी रोड, अधिकांश अधिकारी यहीं रहते हैं। पेड़ों से आच्छादित रोड और जगह-जगह बने बगीचों के चलते अलसुबह एवं शाम को मॉर्निंग वॉक के लिए यहां शहरवासियों का जमावड़ा लगता है। इसी रोड पर विक्रम कीर्ति मंदिर के समीप श्री बालोद्यान बना है।

वार्ड क्रमांक 52 में आने वाले इस उद्यान का सौंदर्यीकरण इसलिए किया था ताकि ज्यादा से ज्यादा शहरवासी अपने परिवार के साथ यहां मॉर्निंग वॉक के साथ सुकून के पल बिता सकें लेकिन रखरखाव के अभाव में वर्तमान में यहां अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। जगह-जगह कचरा पड़ा है, पेड़ों के सूखे पत्ते और टूटी टहनियां यहां-वहां बिखरी हैं। उद्यान के बीच लगी मूर्तियों भी टूटफूट रही हैं लेकिन इस ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं।

कम्पोस्ट पिट भी कचरे और मिट्टी से भरी

यहां कम्पोस्ट पिट भी बनाई गई थी। उद्देश्य था कि बगीचे के कचरे से खाद बनाई जाए और उसका इस्तेमाल समय-समय पर यहां लगे पेड़-पौधों के लिए किया जाए लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। कम्पोस्ट पिट में खाद की जगह मिट्टी और कचरा भरा पड़ा है जिसे देखकर ऐसा लगता है कि लंबे समय से इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।

टंकी में नल और पानी दोनों नहीं

उद्यान में प्रवेश करते ही सामने की ओर लोहे के स्टैंड पर पानी की प्लास्टिक की रखी है। मजेदार बात यह है कि इसमें नल नहीं है और ना ही पानी भरा है। पीने के पानी तो छोडि़ए यहां वॉक करने के लिए आने वालों के लिए हाथ धोने तक के लिए पानी उपल्रब्ध नहीं है।

एक्यूप्रेशर ट्रैक पर जूते पहनकर चलते हैं

मूर्तियों के आसपास एक्यूप्रेशर ट्रैक बना है। इस पर जूते-चप्पल पहनकर चलना मना है, बावजूद इसके यहां आने वाले लोग जूते-चप्पल पहनकर इसके ऊपर चलते हैं। उन्हें ऐसा करने से रोकने वाला कोई नहीं। समय रहते इसे रोका नहीं गया तो स्वास्थ्य की दृष्टि से बनाया यह ट्रैक पूरी तरह से खराब हो जाएगा।

ओपन जिम और योग की हुई थी शुरुआत

नेता प्रतिपक्ष और वार्ड 52 के पार्षद रह चुके राजेंद्र वशिष्ठ ने करीब ६ साल पहले बालोद्यान में ओपन जिम और योग केंद्र की शुरुआत करवाई थी। 10 लाख रुपए की लागत से संसाधन लगवाए थे ताकि सुबह-शाम व्यायाम और मॉर्निंग वॉक करने वालों को लाभ मिल सके। इस पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।

जगह जगह से क्षतिग्रस्त हो गईं मूर्तियां

उद्यान के बीचोंबीच वन्य प्राणियों के साथ इंसानों की मूर्तियां बनाई गई थीं ताकि सुंदरता में इजाफा हो। इसके बाहर नगर निगम ने बोर्ड लगाया है कि रैलिंग के अंदर जाना और मूतिर्यों से छेड़छाड़ करना मना है। ऐसा करने पर ५०० रुपए का दंड वसूला जाएगा लेकिन देखरेख नहीं होने से शरारती तत्वों ने मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया है।

बालोद्यान में सुबह 8 से शाम 4 बजे तक एक सफाई कर्मचारी की ड्यूटी रहती है। इसके अलावा मैं भी रहता हूं। सफाई रोज की जाती है। जो कचरे के ढेर लगे हैं उसे बाद में उठवा लिया जाता है। यहां रात में चरस-गांजा पीने जैसी गतिविधियां होती हैं, वही लोग कचरा फैलाते हैं।
रवि बागड़ी, दरोगा, श्री बालोद्यान

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