मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आयुर्वेद पर्व 2025 में उज्जैन को दी बड़ी सौगात

प्रदेश में 11 आयुर्वेदिक कॉलेज तो उज्जैन में अभा आयुर्वेद संस्थान प्रारंभ किया जाएगा
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- आयुष में पैरामेडिकल और नर्सिंग कोर्स चलाने की व्यवस्था होगी
- आयुष से संबंधित नर्सिंग होम का पंजीयन आयुष विभाग ही करेगा
- आयुर्वेदिक संस्थानों को स्थायी निर्माण के लिए सिंहस्थ में भूमि मिलेगी
- आयुष विभाग में भी सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष की जाएगी
अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। सिंहस्थ के लिए आयुर्वेदिक संस्थानों को स्थायी निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। उज्जैन में अंतरराष्ट्रीय वैदिक न्यायालय स्थापित करने के लिए राज्य शासन की ओर से सहयोग प्रदान किया जाएगा। यूनानी चिकित्सा पद्धति की पढ़ाई हिंदी में भी करने की व्यवस्था होगी।
प्रदेश में 11 आयुर्वेदिक कॉलेज आरंभ किए जाएंगे। यह घोषणा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में आयोजित 21वें आयुर्वेद पर्व-2025 के अंतर्गत राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन-सत्र को संबोधित करते हुए कही। अगला आयुर्वेद पर्व सिंहस्थ 2028 के अवसर पर उज्जैन में करने के लिए आमंत्रण देते हुए कहा कि राज्य सरकार इस पर्व की आयोजक होगी।
नई शिक्षा नीति के प्रावधान अनुसार विश्वविद्यालयों को आयुर्वेदिक, मेडिकल सहित अन्य सभी प्रकार के कोर्स संचालित करने की अनुमति राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई है। आयुर्वेद में पैरामेडिकल, नर्सिंग आदि कोर्सेज चलाने की व्यवस्था की जाएगी। आयुष से संबंधित क्लीनिक और नर्सिंग होम पंजीयन का कार्य आयुष विभाग को सौंपा जाएगा।
क्रय नीति को सरल बनाया जाएगा
स्वास्थ्य विभाग के समान आयुष में भी सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष की जाएगी। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान उज्जैन में आरंभ किया जाएगा। आयुष विभाग की क्रय नीति में आवश्यक संशोधन कर उसे सरल बनाया जाएगा। प्रदेश में आयुर्वेदिक उत्पादों की इकाई स्थापित करने पर राज्य शासन की ओर से सहयोग प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सबसे पहले हो रहा है नदी जोड़ो अभियान का क्रियान्वयन।
मध्यप्रदेश नदियों का मायका है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश की पहचान टाइगर राज्य के रूप में है। प्रदेश वन्य प्राणियों की दृष्टि से निरंतर समृद्ध हो रहा है। मध्यप्रदेश नदियों का मायका है, यहां से निकलने वाली नर्मदा- गुजरात को, ताप्ती- महाराष्ट्र एवं गुजरात को, चंबल-राजस्थान से होते हुए उत्तर प्रदेश को और केन-बेतवा भी उत्तर प्रदेश को समृद्ध बनाती है। गर्व का विषय है कि नदी जोड़ो अभियान का क्रियान्वयन देश में सबसे पहले मध्य प्रदेश में ही हो रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 लाख 75 हजार करोड़ राशि जारी की है।