चौपाटियां बढ़ी पर सुरक्षा नदारद, तीन साल में 10 से ज्यादा जगह बन गए खाने-पीने के ठीये

रियलिटी : पहले एक-दो दुकान या ठेले, कुछ दिन बाद 20-25 पार…
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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:शहर के 10 बड़े क्षेत्रों के अलावा सैकड़ों रहवासी क्षेत्रों में भी चाय-नाश्ते के सैकड़ों कैफे बिना सुरक्षा इंतजाम के संचालित हो रहे हैं। शाम के वक्त इन पर इतनी भीड़ बढ़ जाती है कि सड़कों पर ट्रैफिक जाम होने से निकलना मुश्किल हो जाता है। गुमटी-ठेले और खाने-पीने के ठीये वाले आधी सड़कों तक ग्राहकों को बैठाते हैं।
इतना ही नहीं यहां रात तक असामाजिक तत्वों का जमावड़ा भी लगता है। इसके कारण आए दिन मारपीट की घटनाएं होती हैं। दरअसल रहवासी क्षेत्रों में खाने-पीने के ठीए भी कहीं भी बन रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन, नगर निगम, पुलिस और खाद्य विभाग इनकी न तो सुरक्षा जांच रहा और न ही इन पर सख्ती दिखा रहा है।
शहर के हर क्षेत्र में चाट-चौपाटियां, अग्निकांड से बचने के इंतजाम भी नहीं
शहर के लगभग हर बड़े क्षेत्र की सड़क और चौराहे के आसपास बनी चाट-चौपाटियां भी चर्चा में हैं। कोविड के बाद 3 साल में ही शहर में 10 से ज्यादा बड़े क्षेत्रों की मुख्य सड़कों और चौराहों के आसपास बड़ी-बड़ी चाट-चौपाटियां बन गईं। खाने-पीने के इन ठीयों पर सुरक्षा के कितने इंतजाम हैं, पुलिस की क्या व्यवस्था है और कोई आग लगने की घटना हो जाए तो कैसे जान-माल के नुकसान से बचेंगे इसकी चिंता जिम्मेदारों को नहीं है।
इसलिए पनप रहे खाने-पीने के ठीये
उज्जैन में नए-नए आबादी क्षेत्र तेजी से बढ़ रहे हैं। साथ ही शहर में बाहर से आकर यहां रह रहे कामकाजी लोगों और स्टूडेंट की संख्या ज्यादा है। इनकी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए तय बाजार नहीं हैं, इसलिए चौराहों सड़कों और फुटपाथों पर खाने-पीने के नए-नए ठीये पनप रहे हैं। रहवासी क्षेत्रों में जहां खाली प्लॉट हैं वहां पर चौपाटियां बन रही हैं।
शीघ्र ही कार्रवाई की योजना तैयार करेंगे
शहर में अवैध चौपाटियों की समस्या बढ़ रही है। छोटे कारोबारी व्यापार करें, लेकिन चौराहे, सड़क, फुटपाथ और रहवासी क्षेत्रों का ध्यान रखें कि वे बाधक नहीं बनें। इसके लिए जल्द ही कार्रवाई की योजना तैयार करेंगे। -संजेश गुप्ता, उपायुक्त, नगर निगम उज्जैन
शुरुआत में नहीं रोकते
पहले फुटपाथ या सड़क-चौराहे के आसपास एक-दो ठेले लगते हैं, फिर धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती है, कुछ समय में एक नई चौपाटी बन जाती है।
चौपाटियों में आग लग जाए तो न ही बुझाने के इंतजाम न पुलिस की सुरक्षा
सड़क और फुटपाथों पर कब्जे के कारण ट्रैफिक अलग जाम होता है









