सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी निगरानी, पिछले साल गर्भगृह में हुई आगजनी की घटना को देखते हुए लिया निर्णय
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में इस बार होली-रंगपंचमी पर रंग और गुलाल ले जाना, उड़ाना, एक-दूसरे पर लगाना और किसी विशेष उपकरण की मदद से उसे उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय के सभागृह में हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया।
दरअसल, पिछले साल 25 मार्च को होली पर महाकाल मंदिर में भस्मार्ती के दौरान गुलाल उड़ाने पर आग लग गई थी जिसमें 14 लोग झुलस गए थे। जिसमें से मंदिर के सेवक सत्यनारायण सोनी की मौत हो गई थी। इसी के चलते इस बार विशेष सतर्कता बरती जा रही है। रंग-गुलाल पर प्रतिबंध के साथ ही मंदिर आने वाले श्रद्धालु भी किसी तरह का रंग-गुलाल व अन्य कोई विशेष उपकरण लेकर प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
जांच के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जाएगा। यह फैसला मंदिर के पुजारी, पुरोहित, प्रतिनिधि, अधिकारी, पुलिसकर्मी, कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी, सफाई कर्मचारी, सेवक और मंदिर परिसर स्थित अन्य छोटे-बडे मंदिर के पुजारी, सेवक व अन्य आउटसोर्स कर्मचारियों पर भी लागू होगा। इसके लिए मंदिर समिति के कंट्रोल रूम में तैनात अधिकारी कर्मचारी सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से सभी प्रवेश द्वार और परिक्षेत्र की निगरानी करेंगे।
प्रतीकात्मक रूप से अर्पित किया जाएगा हर्बल गुलाल
श्री महाकालेश्वर मंदिर में 13 मार्च को सबसे पहले होलिका दहन होगा। १४ मार्च को भस्मार्ती में होली मनाई जाएगी। इस दौरान परंपरा के सम्यक निर्वहन के लिए भगवान महाकाल को सीमित मात्रा में प्रतीकात्मक रूप से हर्बल गुलाल अर्पित किया जाएगा। इसी प्रकार रंगपंचमी पर 19 मार्च को भी परंपरा के निर्वहन के लिए भस्मार्ती में एक लोटा केसरयुक्त जल एवं संध्या आरती में केसर का रंग प्रतीकात्मक रूप से बाबा को अर्पित किया जाएगा। हर्बल गुलाल, केसरयुक्त जल एवं केसर का रंग मंदिर प्रबंध समिति की कोठार शाखा द्वारा भस्मार्ती पुजारी एवं शासकीय पुजारी को उपलब्ध करवाया जाएगा।
बैठक में यह रहे उपस्थित
बैठक में एसपी प्रदीप शर्मा, प्रशासक प्रथम कौशिक, एएसपी नितेश भार्गव, नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक, सीएसपी कोतवाली राहुल देशमुख, मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य राजेंद्र शर्मा, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (सुरक्षा) जयंत राठौर, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल उपस्थित थे।