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लैंड पुलिंग: धारा में प्रोविजन से असमंजस

उज्जैन। सिंहस्थ क्षेत्र में लैंड पुलिंग के जरिये स्पिरिचुअल सिटी बनाने की योजना पर बुधवार को नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने विराम लगा दिया। नगर एवं ग्राम निवेश अधिनियम की धारा 52(1)(ख) के तहत नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया। इसके मुताबिक अब सिंहस्थ क्षेत्र की जमीन पर लैंड पुलिंग नहीं होगी, अर्थात टीडीएस (टाउन डेवलपमेंट स्कीम) 8,9,10,11 योजना की जमीन पर किसानों का ही मालिकाना हक रहेगा। उपसचिव प्रमोदकुमार शुक्ला द्वारा जारी आदेश के मुताबिक हालांकि सिंहस्थ क्षेत्र के समुचित विकास के लिए इस योजना में किए प्रयोजन जमीन पर लागू रहेंगे। यानी इस जमीन पर रोड, सीवेज, ड्रेनेज नेटवर्क, बिजली पोल बनाने का प्लान योजना मुताबिक आगे भी जारी रहेगा।

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धारा 50(12)(क) के तहत भविष्य में जब भी योजना अनुसार सामाजिक अंधोसरंचना का विकास किया जाएगा तो इस दायरे में आने वाली भूमि के एवज में किसानों को पृथक से मुआवजा दिया जाएगा। उज्जैन विकास प्राधिकरण से जुड़े एक विशेषज्ञ ने बताया कि एक तरह से सिंहस्थ क्षेत्र का मास्टर प्लान यह योजनाएं रहेंगी। भविष्य में इन्हीं योजना के मुताबिक ही सिंहस्थ क्षेत्र में रोड, सीवेज, ड्रेनेज, पाइपलाइन, बिजली लाइन और बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। इधर आदेश से असमंजस की स्थिति बन गई है। इसे लेकर भारतीय किसान संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमलसिंह आंजना ने कहा कि संगठन चाहता है कि टीडीएस 8,9,10, और 11 को पूरी तरह निरस्त किया जाए। यह नोटिफिकेशन जारी करने से किसानों के बीच असमंजस नहीं रहेगा।

घाटों को कनेक्ट करने के लिए बनना है रोड
सिंहस्थ 2028में श्रद्धालुओं को आरामदायक तरीके से स्नान कराने के लिए शिप्रा के दोनों तटों पर त्रिवेणी से लेकर सिद्ववट तक करीब 29 किलोमीटर लंबे घाट बनाए जा रहे हैं। इन घाटों तक पहुंचने के लिए सर्विस रोड बनेंगे। इन सर्विस रोड को कनेक्ट करने के लिए एमआर-22 रोड बन रहा है। सिंहस्थ क्षेत्र में बनने वाले इस रोड से त्रिवेणी से सीधे सिद्ववट तक जाया जा सकेगा और शहर के भीतर आने की जरूरत नहीं होगी। इस रोड सहित सर्विस रोड को बनाने के लिए प्रशासन को जमीन की जरूरत होगी और यह किसानों से मुआवजा देकर ली जाएगी। फिलहाल सिंहस्थ क्षेत्र में बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के लिए प्रशासन को करीब 120 हेक्टेयर (600 बीघा) जमीन की आवश्यकता है।

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