फोरलेन से पीएचई के प्लांट पर संकट

जीवाजी वेधशाला के ग्लोब के कारण फिल्टर प्लांट की जमीन का सर्वे

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महापौर करेंगे पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से बात

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। जंतर मंतर रोड को फोरलेन करने का काम तेज हो गया है, लेकिन इसके दायरे में पीएचई का फिल्टर प्लांट आ रहा है, जिससे कुछ हिस्से पर संकट खड़ा हो गया है। प्लांट के सामने जीवाजी वेधशाला का ग्लोब आ रहा है, जिसे बचाने के लिए प्लांट की जमीन लेने की स्थिति बन गई है। इसको लेकर महापौर मुकेश टटवाल ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ बैठक रखने का निर्देश दिया है।

जंतर मंतर रोड का लाल पुल तक चौड़ीकरण कर फोरलेन किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। जीवाजी वेधशाला के सामने बने पीएचई के फिल्टर प्लांट का कुछ हिस्सा रोड के दायरे में आ रहा है। इसमें बाउंड्रीवाल और पाइपलाइन भी शिफ्ट करने की स्थिति बन सकती है। रविवार को पीएचई के इंजीनियरों ने लोक निर्माण विभाग के एसडीओ प्रफुल्ल जैन के साथ रोड चौड़ीकरण का सर्वे किया। इसमें दो बातें सामने आई हैं।

एक तो यह कि वेधशाला परिसर में बने विशाल ग्लोब को तोड़ दिया जाए। इससे पीएचई के प्लांट की ज्यादा जमीन नहीं लेना पड़ेगी, लेकिन पीडब्ल्यूडी फिलहाल गऊघाट प्लांट की जमीन से रोड बनाने की तैयारी कर रहा। इस स्थिति पर महापौर टटवाल ने निगम अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक बुलाने का निर्देश दिया है।

सिंहस्थ में सबसे ज्यादा भीड़ का दबाव रहेगा
सिंहस्थ 2028 में भक्तों की भीड़ का दबाव जंतर मंतर रोड पर ही रहेगा क्योंकि जंतर मंतर के सामने से महाकाल मंदिर और भूखीमाता मंदिर के पास शिप्रा तट पर भीड़ अधिक आने की संभावना है। इस कारण प्रदेश सरकार ने रोड को फोरलेन बनाने की योजना बनाई है।

बैठक बुलाने का निर्देश दिया है
यह सही है कि रोड चौड़ीकरण की योजना में गऊघाट स्थित फिल्टर प्लांट की जमीन आ रही है। इसके लिए प्लांट का काम प्रभावित न हो, इसके लिए पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की बैठक बुलाने का निर्देश दिया है।
मुकेश टटवाल, महापौर

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