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देशमुख हॉस्पिटल की लापरवाही से इलाज के दौरान गर्भस्थ शिशु और मां की मौत

पति ने डॉक्टर पर लगाए गंभीर आरोप, सीएम और नीलगंगा थाने में शिकायत

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उज्जैन। इंदौर रोड स्थित देशमुख हॉस्पिटल प्रबंधन पर पत्नी का गलत उपचार करने का आरोप एक युवक ने लगाया है। उसने गर्भस्थ शिशु और पत्नी की मौत का हवाला देते हुए नीलगंगा थाने के साथ सीएम को भी शिकायत की है। मामले में पुलिस ने जांच की बात कही है। इस संबंध में डॉ. स्नेहल देशमुख को कॉल किया लेकिन रिसीव नहीं किया। जब भी उनका पक्ष मिलेगा बताया जाएगा।

महिला के पति आश्रय होटल के पीछे रहने वाले नितेश पिता नरेंद्र यादव ने बताया कि पत्नी अंजलि यादव का गर्भवती होने के बाद से देशमुख अस्पताल की संचालक डॉ. स्नेहल देशमुख के मार्गदर्शन में इलाज चल रहा था। डॉ. देशमुख ने नौवें माह के गर्भ के बाद 7 अक्टूबर 2025 को रूटीन चैकअप के दौरान खून की कमी बताकर आयरन के इंजेक्शन लगाने की सलाह दी थी। उसी दिन अस्पताल में उन्हीं की देख रेख में आयरन के दो इंजेक्शन लगाए गए लेकिन इससे पहले अस्पताल स्टॉफ ने टेस्ट नहीं किया जिससे अंजलि की तकलीफ बढऩे लगी। हालत बिगडऩे पर देशमुख हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था।

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7 अक्टूबर को भर्ती रहने के दौरान रात करीब 9 बजे अंजलि के पेट में ही नवजात शिशु की मौत हो गई। इसकी जानकारी हॉस्पिटल स्टॉफ ने 8 अक्टूबर को सुबह 4 बजे मुझे दी। डॉ. देशमुख को रात में ही ऑपरेशन करना था लेकिन लापरवाही करते हुए सुबह 8.30 बजे यानी करीब 10.30 घंटे बाद ऑपरेशन कर पेट से मृत शिशु को बाहर निकाला गया। इससे अंजलि की हालत और खराब हो गई। डॉ. देशमुख ने इलाज कर 14 अक्टूबर को स्थिति सामान्य बताकर अंजलि को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जिसका बिल 1.50 लाख लिया। अन्य चिकित्सकों से परामर्श लेने पर पता चला कि अंजलि के इलाज में लापरवाही हुई है।

बिना टेस्ट के आयरन के इंजेक्शन लगाने का असर अंजलि की किडनी और हार्ट पर हुआ है, वहीं शिशु की सांसें रुकी थीं। इसके बाद भी कई बार अंजलि की स्थिति गंभीर हुई। डॉ. देशमुख से संपर्क करने पर वे उपलब्ध नहीं हुईं। 13 नवंबर सुबह 8.30 बजे एक बार फिर अंजलि की हालत खराब होने पर दूसरे निजी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था। यहां डॉक्टर ने हार्ट में ब्लड क्लॉट जमने की स्थिति बताई, उसे आईसीयू और वेंटिलेटर पर रखा लेकिन अंजलि को बचाया नहीं जा सका। चिकित्सकों ने रिकॉर्ड देख गलत तरीके से आयरन इंजेक्शन लगाने और लापरवाही होने का कारण बताया है।

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