भगवान महाकाल की श्रद्धा और आस्था में डूबे श्रद्धालु

रातभर चलता रहा दर्शन का सिलसिला, भगवान को दूल्हा स्वरूप में लाखों श्रद्धालुओं ने निहारा
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भगवान महाकाल के गर्भगृह में रात्रि को एकादश-एकादशनी रुद्रपाठ हुआ। भस्म आरती में प्रवेश के लिए खड़े श्रद्धालु।

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन महाशिवरात्रि के अवसर रातभर दर्शन का सिलसिला चलता रहा। इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किए। शनिवार को सुबह भगवान के पुष्प मुकुट दर्शन के बाद दोपहर में भस्मआरती की गई।
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर शुक्रवार-शनिवार को उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचे। सुबह से ही बड़ी संख्या श्रद्धालुओं के आने का दौर चालू रहा जो लगातार जारी रहा। महाशिवरात्रि के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के लिए नि:शुल्क बस सुविधा की व्यवस्था की गई। आने वाले श्रद्धालों ने पार्किंग स्थल से आने जाने के लिए बस सुविधा का लाभ उठाया। स्थापित की गई वाहन पार्किंग से श्रद्धालु मंदिर के प्रवेश द्वार पर सरलता से आवागमन कर सके,इस हेतु 100 बसे स्थापित वाहन पार्किंग से मंदिर के प्रवेश द्वार तक नि:शुल्क चलाई गई, जिससे श्रद्धालु पार्किंग स्थल से मंदिर के प्रवेश तक सरलता से आवागमन कर सकें। स्थापित की गई वाहन पार्किंग में पेयजल, शौचालय, प्राथमिक उपचार की व्यवस्था एवं पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था की गई है।
पेयजल की सुविधा- श्रद्धालुओं को पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मंदिर में प्रवेश के लिए निर्धारित द्वार से प्रति 200 मीटर पर पेयजल की व्यवस्था के लिए अस्थायी प्याऊ स्थापित किये गए। श्रद्धालुओं के लिए निर्धारित प्रवेश द्वार से लेकर निर्गम द्वार तक, निर्गम द्वार से जूता स्टेण्ड तक सम्पूर्ण मार्ग पर मैटिंग बिछाई जाकर शामियाना लगाया गया है।
प्राथमिक उपचार की सुविधा
महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं को प्राथमिक उपचार सुविधा उपलब्ध कराये जाने के लिए प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की गई। उक्त प्राथमिक उपचार केन्द्रो पर चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ तैनात रहे। एम्बुलेंस भी खड़ी की गई है। श्रद्धालुओं सुविधा के लिए महाकालेश्वर मंदिर एवं अन्य आवश्यक मूलभूत सुविधाएं वाले स्थल तक आवागमन कर सके इस हेतु शहर के प्रमुख मार्गो पर दिशा सूचक बोर्ड स्थापित किए गए। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए मंदिर परिक्षेत्र एवं सम्पूर्ण दर्शन मार्ग पर 600 सी.सी.टी.वी कैमरे लगाए गए। कंट्रोल रूम में लगी सी.सी.टी.वी सर्विलांस एवं एल.ई.डी. के माध्यम से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा सतत् निरीक्षण किया।









