शहर के लिए तय रूट और झोन को लेकर विवाद,
मांगों को लेकर चामुंडा माता चौराहे पर शुरू किया आंदोलन
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:शहर के यातायात को नियंत्रित और व्यवस्थित करने के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा ई रिक्शा संचालन के लिये झोन व रूट निर्धारित किये हैं। इसी के आधार पर अब ई रिक्शा का संचालन यातायात पुलिस द्वारा कराया जा रहा है और जो संचालक नियम का पालन नहीं कर रहे उनके वाहनों को थाने में खड़ा करवाने व चालानी कार्रवाई भी की जा रही है।
ई रिक्शा संचालकों द्वारा इस नियम का कई दिनों से विरोध जारी है। बीती रात अंबर कालोनी में रहने वाले ई रिक्शा ड्रायवर ने जहर खा लिया। इसकी जानकारी लगते ही सुबह चामुण्डा माता चौराहे पर ई रिक्शा संचालक एक बार फिर आंदोलित हो गये। उनका कहना था कि आरटीओ संतोष मालवीय मनमानी कर रहे हैं, गरीबों के पेट पर लात मार रहे हैं। उनकी मनमानी के कारण ही ड्रायवर ने जहर खाया है। अब आरटीओ के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएंगे।
मैसेज मिलते ही ई रिक्शा के साथ इकट्ठा हो गये
ई रिक्शा ड्रायवर द्वारा जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास करने का मैसेज ड्रायवरों के सोशल मीडिया ग्रुप पर वायरल हुआ। इधर चामुण्डा माता चौराहे के सामने विनोद मिल स्थित निर्माणाधीन सड़क के सामने से गुजर रहे ई रिक्शा चालकों को दूसरे ड्रायवरों ने रोककर जहर खाने वाले शुभम उर्फ चिंटू की जानकारी दी तो सभी आक्रोशित हो गये।
करीब 200 की संख्या में ई रिक्शा सुबह 8 से 9 बजे के बीच एकत्रित हो चुकी थी। सूचना मिलने के बाद देवासगेट व माधव नगर थाने का पुलिस फोर्स यहां पहुंचा। कोतवाली सीएसपी ने आक्रोशित ड्रायवरों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन उक्त ड्रायवर आरटीओ पर आरोप लगाते रहे।
ड्रायवर बोला…अगली बार बीबी-बच्चों को भी जहर दे दूंगा
शुभम उर्फ चिंटू बौरासी पिता कमल बौरासी 20 वर्ष निवासी अंबर कालोनी ने बीती रात अपने घर में जहरीला पदार्थ खा लिया। परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसका उपचार जारी है। वह किराये पर ई रिक्शा लेकर शहर में चलाता है। चिंटू ने बताया कि 350 रुपये किराये पर ई रिक्शा लेता हूं फिर स्टेशन पर सवारी की तलाश में पहुंचता हूं।
सवारी लेकर स्टेशन से बाहर निकलो तो यातायात पुलिस वाले रोक लेते हैं। परमिट मांगते हैं, परमिट नहीं होने पर चालान व थाने पर वाहन खड़ा करने की धमकी देते हैं। बिना परमिट के वाहन चलाने की अनुमति नहीं होने के कारण सवारियां नहीं मिल रही। 300-400 रुपये जैसे तैसे कमाता हूं तो आधे रुपये मालिक को देना पड़ते हैं।
दिन भर वाहन चलाने के बाद 100-150 रुपये बचते हैं। घर में मां, बाप, पत्नी व बच्चा है। घर में गुजारा करना मुश्किल होता जा रहा है। बाजार से कर्जा लेकर दाल रोटी की व्यवस्था करना पड़ रही है। ई रिक्शा संचालकों ने पिछले दिनों भी प्रशासन से रूट व्यवस्था बंद करने की मांग व आंदोलन किया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इन्हीं परेशानियों के चलते रात में जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था। चिंटू का कहना है कि यदि प्रशासन ने मांगें नहीं मानी तो अगली बार बीबी व बच्चों को भी जहर देकर मर जाऊंगा।
ई रिक्शा संचालकों ने अधिकारियों पर लगाया आरोप
शुभम उर्फ चिंटू बोरासी मेरा कजीन भाई है। मैं भी ई रिक्शा चलाता हूं। मैंने आरटीओ व यातायात थाने जाकर परमिट बनवाया है। मुझे भूखी माता से भेरूगढ़ का रूट दिया गया है। सुबह से शाम तक भूखी माता से 2-4 सवारी मिलती है। दूसरे क्षेत्र में वाहन लेकर नहीं जा सकते। ऐसे में 200-300 रुपये कमाना भी मुश्किल हो रहा है।
शहर के अधिकांश ई रिक्शा संचालकों की यही स्थिति है। चिंटू के सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हुई तो उसने जहर खाया। इसकी जिम्मेदारी आरटीओ संतोष मालवीय की है। ई रिक्शा के सभी ड्रायवर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे।–(जैसा विनोद बौरासी, ई रिक्शा ड्रायवर ने बताया)
प्रशासन रूट और झोन व्यवस्था खत्म करे
आंदोलन को लीड कर रहे बल्लू सिंह ठाकुर ने बताया कि अभी चिंटू ने जहर खाया है, कल से कोई ओर ड्रायवर भी आत्मघाती कदम उठा सकता है। पिछले दिनों आंदोलन किया था तो प्रशासन ने समाधान करने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक कोई निराकरण नहीं हुआ। पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। मैं किसका साथ दूं कुछ समझ नहीं आ रहा। प्रशासन को रूट व्यवस्था खत्म कर 10-10 घंटे ई रिक्शा संचालन की अनुमति देना चाहिये।