ई- नगरपालिका पोर्टल हुआ यूजर फ्रेंडली

प्रॉपर्टी की जानकारी से फिजिकल वेरिफिकेशन
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। जनसुविधा के लिए मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार ई-नगरपालिका पोर्टल को यूजर फ्रेंडली बनाया गया है। इसके तहत संपत्ति के मालिक द्वारा प्रापर्टी की जानकारी देने के बाद नगरीय निकाय को आवेदन प्रस्तुत होने के सात दिन में फिजिकल वेरिफिकेशन करना होगा। इसके साथ ही 45 दिन की समय-सीमा में आवेदक को आदेश डिजिटली हस्ताक्षरित कर ई-नगरपालिका पोर्टल से जारी करना अनिवार्य होगा।

ई-नगरपालिका पोर्टल को यूजर फ्रेंडली बनाने के बाद अब नई प्रॉपर्टी पोर्टल पर दर्ज करने और प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने को लेकर व्यवस्था में बदलाव किया गया है। ई-नगरपालिका पोर्टल पर दर्ज सम्पत्तियों के स्व-निर्धारण के लिये आवेदक ई-नगरपालिका पोर्टल पर हर वित्तीय वर्ष के लिये अपनी सम्पत्ति की जानकारी ऑनलाइन प्रस्तुत कर सकेगा। पोर्टल पर आवेदन के बाद संबंधित निकाय सम्पत्ति का लाइव फोटोग्राफ और जियो लोकेशन मोबाइल एप में दर्ज कर सत्यापन करेंगे। यह कार्यवाही आवेदन प्राप्त होने के 7 दिन के भीतर करना जरूरी होगा।
रजिस्ट्रेशन के लिए ऐसे होगी प्रोसेस :
आवेदक द्वारा सम्पत्ति पंजीयन के लिये समग्र आईडी प्रस्तुत की जाएगी। नई संपत्ति के लिये पोर्टल आवेदन के समय सम्पत्ति के स्वामित्व से संबंधित दस्तावेज लोड किया जाना अनिवार्य होगा। पूर्व से सम्पत्ति पर विद्युत कनेक्शन है, वहां आवेदक द्वारा विद्युत कनेक्शन, उपभोक्ता क्रमांक दर्ज किया जाएगा। यदि वर्तमान में संपत्ति पर कोई विद्युत कनेक्शन नहीं है तो नहीं का विकल्प चयन कर आवेदन दर्ज किया जा सकेगा। भविष्य में संपत्ति पर विद्युत कनेक्शन प्राप्त किए जाने की दशा में वितरण कम्पनी डाटा के साथ इन्टीग्रेशन के माध्यम से ई-नगरपालिका पोर्टल पर दर्ज सम्पत्ति आईडी के विरुद्ध उपभोक्ता क्रमांक की जानकारी अपडेट की जा सकेगी।
स्व निर्धारण के लिए हर साल ऑनलाइन जानकारी
ई-नगरपालिका पोर्टल पर दर्ज संपत्तियों के स्व-निर्धारण के लिए आवेदक ई-नगरपालिका पोर्टल पर हर वित्तीय वर्ष के लिये अपनी सम्पत्ति की जानकारी ऑनलाइन प्रस्तुत कर सकेगा। इस ऑनलाइन आवेदन को निकाय स्तर पर परीक्षण कर निर्धारित प्रक्रिया अनुसार लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत निर्धारित समय-सीमा 30 दिन में आवेदन का निराकरण करना होगा। ऐसी स्थिति में जब आवेदक द्वारा स्व-निर्धारण उपरांत यदि संपत्ति कर में वृद्धि पाई जाती है तो निर्धारित समय-सीमा में आवेदन कर निराकरण नहीं किए जाने पर स्व-निर्धारण का आवेदन डीम्ड अनुमोदित माना जाएगा।
इनका कहना
मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार ई-नगरपालिका पोर्टल को यूजर फ्रेंडली कर नवीन संपत्ति आईडी बनाए जाने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। इसके बाद निकायों में संपत्तियों से संबंधित कई अनुमति आसानी से समय-सीमा में मिल जाएगी।
भरत यादव, आयुक्त नगरीय विकास विभाग
निरीक्षण किया जाना अनिवार्य
दस्तावेजों के ऑनलाइन जमा किए जाने के बाद निकाय कार्यालय द्वारा संपत्ति का निरीक्षण किया जाना अनिवार्य होगा। निरीक्षण किए जाने की प्रक्रिया के अंतर्गत निकाय के जांच अधिकारी द्वारा मोबाइल एप के माध्यम से सत्यापन किया जाएगा। इस सत्यापन के लिये संबंधित निकाय संपत्ति का लाइव फोटोग्राफ और जियो लोकेशन मोबाइल एप में दर्ज कर सत्यापन करेंगे।
यह कार्यवाही आवेदन प्राप्त होने के 7 दिवस के भीतर किया जाना अनिवार्य होगा। निकाय स्तर पर प्रॉपर्टी आईडी के पंजीयन की प्रक्रिया में अनुमोदन के 2 से अधिक चैनल नहीं होना चाहिए। जांच अधिकारी द्वारा सत्यापन बाद प्रकरण पोर्टल के माध्यम से संपत्ति पंजीयन के लिए सक्षम अधिकारी के लॉग-इन पर प्रदर्शित होगा। सक्षम अधिकारी को जांच रिपोर्ट के आधार पर संपत्ति पंजीयन आवेदन को स्वीकृत अथवा निरस्त किया जाना आवश्यक होगा। नवीन संपत्ति आईडी को आवेदन दिनांक से 30 कार्य दिवस के अंदर सत्यापित कर आईडी बनाये जाने की प्रक्रिया पूर्ण किया जाना अनिवार्य किया गया है।
45 दिन में डिजिटली हस्ताक्षर आदेश
मालिकाना हक के ट्रांसफर के बाद नाम संशोधन की प्रक्रिया के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि 45 दिन की समय-सीमा में आवेदक को आदेश डिजिटली हस्ताक्षरित कर ई-नगरपालिका पोर्टल से जारी किया जाना अनिवार्य होगा। नवीन सम्पत्तियों के स्व-निर्धारण की प्रक्रिया नवीन संपत्ति आईडी बनाए जाने की प्रक्रिया अनुसार संपादित की जाएगी।








